होम / Swati Maliwal Case: बिभव कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, 50 गवाह कोर्ट को बताएंगे CM आवास में क्या हुआ

Swati Maliwal Case: बिभव कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, 50 गवाह कोर्ट को बताएंगे CM आवास में क्या हुआ

• LAST UPDATED : July 17, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Swati Maliwal Case: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में दिल्ली पुलिस ने अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार के खिलाफ तीस हजारी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद तीस हजारी कोर्ट 30 जुलाई को मामले पर विचार करेगी। चार्जशीट में उन्हें आरोपी बनाया गया है। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि करीब 100 लोगों से पूछताछ की गई और 50 लोगों को गवाह बनाया गया। अदालत ने कुमार की न्यायिक हिरासत 30 जुलाई तक बढ़ा दी है।

50 लोगों को बनाया गवाह

50 गवाहों के बयान की कॉपी संलग्न तीस हजारी स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल की अदालत में दाखिल आरोपपत्र में 50 लोगों को गवाह बनाया गया है। मुख्य गवाहों में स्वाति मालीवाल और मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा में लगी दिल्ली पुलिस की टीम शामिल हैं। इन गवाहों के बयानों में स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट और बदसलूकी का जिक्र है। आरोपपत्र में खास तौर पर कहा गया है कि जांच में स्वाति मालीवाल की गवाही की काफी हद तक पुष्टि हुई है, जिसमें कहा गया था कि विभव ने इस घटना को रिकॉर्ड किया था। फिर उसके कुछ चुनिंदा हिस्से लीक किए गए, ताकि स्वाति मालीवाल की छवि खराब हो सके। इसके अलावा कुमार ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जैसे मजबूत सबूत भी नष्ट किए हैं।

ये भी पढ़े: Delhi Weather: राजधानी में उमस भरी गर्मी से हुआ बुरा हाल, दिल्ली-NCR में कब…

मुख्यमंत्री आवास पर हमले का मामला

विभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है। 16 मई को सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद 18 मई को कुमार को गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन तीस हजारी स्थित मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था।

हाईकोर्ट ने नहीं दी थी जमानत

12 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने विभव कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया। जज ने कहा था, अगर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाता है तो गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है या सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है। जज ने कहा, ‘आरोपों की प्रकृति और गवाहों को प्रभावित किए जाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए, इस स्तर पर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने का कोई आधार नहीं है। इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है।

ये भी पढ़े: Water Crisis in Delhi: दिल्ली के इन इलाकों में नहीं आएगा पानी, जल बोर्ड…

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox