स्वाइन फ्लू की चपेट में आने के बाद मरीज के नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं संक्रमित होती है। इस बीमारी के लक्षण काफी हद तक सामान्य फ्लू के लक्षणों के जैसे होता हैं। यही वजह है कि दोनों फ्लू में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। आपको बता दें कि एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता या खांसता है तो इसके ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने वाला व्यक्ति इससे संक्रमित हो सकता है।
हालांकि गााजियाबाद के सरकारी अस्पतालों में अभी तक स्वाइन फ्लू के लिए अलग से वार्ड नहीं बनाया गया है। वहीं जिला स्तरीय पैथोलॉजी लैब में भी स्वाइन फ्लू की जांच के लिए अभी कोई इंतजाम नहीं हैं।
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Swine Flu Cases:
यूपी के गाजियाबाद जिले में स्वाइन फ्लू के मामलों में उछाल देखा जा रहा हैं। स्वाइन फ्लू से प्रभावित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिसे देखकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। गाजियाबाद में अब तक स्वाइन फ्लू के 66 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मरीज गाजियाबाद के अस्पतालों में भर्ती हैं, तो कुछ की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जरूरत पड़ने पर सरकारी अस्पतालों में भी इसका अलग वार्ड बनाया जाएगा।