इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Tablighi Jamaat : कोरोना महामारी के दौरान विदेश से निजामुद्दीन मरकज में आए तब्लीगी जमात के सदस्यों को अपने घर में शरण देने के मामले में दर्ज एफआइआर मामले में लिखित जवाब दाखिल करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आखिरी मौका दिया है। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने अदालत के आदेश के बावजूद भी लिखित जवाब नहीं दाखिल करने पर सवाल उठाया। साथ ही पुलिस को आखिरी मौका देते हुए सुनवाई 25 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।
सोमवार को याचिकाकतार्ओं की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता अशिमा मंडला ने पीठ को बताया कि पुलिस ने अदालत के निर्देश के बावजूद भी लिखित बयान नहीं दिया है। पिछली सुनवाई पर पीठ ने दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि क्या गत वर्ष तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वैध वीजा पर आए विदेशियों को भारतीय नागरिकों द्वारा अपने घर में शरण देने पर कोई प्रतिबंध लगाया गया था।
याचिकाकतार्ओं ने देशव्यापी लाकडाउन के दौरान जमातियों को अपने घर में पनाह देने के लिए उनके खिलाफ दर्ज एफआइआर रद करने की मांग की है। याचिकाकतार्ओं ने प्राथमिकी रद करने की मांग करते हुए कहा है कि लाकडाउन के कारण यात्रा नहीं करने वालों को उन्होंने शरण दी थी। पुलिस ने गलत तरीके से यह मामला दर्ज किया है। (Tablighi Jamaat )
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