इंडिया न्यूज, Gurugram news। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के आदेश व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिले निदेर्शों के तहत शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में जिला स्तरीय बिजली समिति की पहली बैठक संपन्न हुई। उपायुक्त निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित जिला के जनप्रतिनिधियों द्वारा भेजे गए नुमाइंदे भी शामिल रहे।
डीसी निशांत यादव ने बैठक में उपस्थित सभी लोगों को जिलास्तरीय बिजली समिति की रूपरेखा व उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार के बिजली मंत्रालय ने पिछले वर्ष ऐसी जिला स्तरीय समितियां गठित करने का आदेश जारी किया था, जो भारत सरकार की सभी बिजली संबंधी योजनाओं की निगरानी करेंगी।
साथ ही ये समितियां लोगों को बिजली सेवाओं के वितरण संबंधी प्रावधान पर पड़ने वाले प्रभाव को भी देखेंगी। बिजली विभाग के संबधित मुख्य अभियंता अथवा अधीक्षक अभियंता इसमें संयोजक के रूप में अपनी सेवाएं देंगे। उन्होंने बताया कि सरकार की योजनाओं के अनुसार जिले में बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के समग्र विकास की समीक्षा और समन्वय करने के लिए जिले की समिति समय समय जिला मुख्यालय पर बैठक करेंगी।
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मिलेनियम सिटी जैसे आधुनिक शहर में बिजली सुविधा एक प्रकार से मूलभूत आवश्यकता की तरह है। ऐसे में बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बिजली सुधारों के समय में कमी लाने के साथ ही मेन्टेन्स कार्य की गुणवत्ता पर भी ध्यान दें, ताकि जिला में निर्बाध गति से दी जा रही बिजली सेवाओं को बरकरार रखा जा सके।
बैठक में डीएचबीवीएन सर्किल वन के अधीक्षक अभियंता(आपरेशन) मनोज यादव ने बताया कि पूरे एनसीआर क्षेत्र में गुरुग्राम जिला में सबसे अधिक पावर की जरूरत है। उपरोक्त उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए जिला के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध गति से 24 घण्टे बिजली सप्लाई दी जा रही है। वहीं डीएचबीवीएन के शिकायत केंद्र में मिलने वाली शिकायतों को समयबद्ध तरीके से निस्तारण के लिए एक बेहतर मैकेनिज्म तैयार किया गया है जिसमें प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध तरीके से निपटारा कर शिकायतकर्ता की संतुष्टि के बाद ही कंप्लेन को क्लोज किया जाता है।
बैठक में डीएचबीवीएन गुरुग्राम के सर्किल टू के अधीक्षक अभियंता पीके चौहान ने बताया कि जिला में वर्ष 2024 तक दो लाख 97 हजार स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है। जिला में अभी तक एक लाख 55 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। स्मार्ट मीटर उपलब्ध करवा रही कंपनी द्वारा तकनीकी रूप से मीटर अपग्रेडेशन के चलते अभी स्मार्ट मीटर की सप्लाई में कमी आई है, लेकिन विभाग का प्रयास है कि वर्ष 2024 तक तय समय में उपरोक्त लक्ष्यों की पूर्ति हो जाएगी।
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