आज समाज नेटवर्क, नई दिल्ली।
राजधानी दिल्ली में रविवार को ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस की एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 10 अन्य यूनानी पैथी के संगठनों के भाग लिया। सीसीआरयूएम के पूर्व महानिदेशक डॉ. मोहम्मद खालिद सिद्दीकी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के दौरान भारतीय सेना में यूनानी और होम्योपैथिक डॉक्टरों की सेवाएं लिए जाने की मांग की गई। इसके अलावा बैठक में यूनानी पैथी के साथ लगातार हो रही उपेक्षा पर चिंता जताई गई।
भर्ती में भी मात्र आयुर्वेद के डॉक्टरों को शामिल किया गया
इस दौरान यह आरोप लगाया गया कि आयुष मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की लगभग सभी योजनाओं में यूनानी पैथी को शामिल नहीं किया गया है। साथ ही बैठक में इस बात पर भी चिंता जताई गई कि कैंटोनमेंट अस्पताल में आयुष डॉक्टरों की भर्ती में भी मात्र आयुर्वेद के डॉक्टरों को शामिल किया गया है।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई गई कि जिस प्रकार आयुर्वेद, योगा, नेचुरोपैथी, यूनानी सिद्धा और होम्योपैथी को मिला कर आयुष मंत्रालय का गठन किया गया है उसी तरह समान रूप से आयुष में शामिल चिकित्सा पद्धतियों को विकास का अवसर दिया जाए साथ ही आयुष विभाग द्वारा यूनानी चिकित्सा विज्ञान के प्रति उपेक्षा और भेदभाव को रोका जाए।