इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :
दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। अप्रैल महीने में ही जून जैसी गर्मी पड़ रही है और उच्चतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। ऐसे में मौसम विभाग मई और जून में पिछले कुछ साल की तुलना करके इस बार ज्यादा गर्मी पड़ने के संकेत पहले ही दे चुके हैं। यह भी कह सकते है कि मई-जून महीने के चलते दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रिकार्डतोड़ गर्मी पड़ेगी।
मौसम विभाग का मानना है कि अप्रैल में पिछले 54 साल का गर्मी का रिकार्ड टूटने वाला हो रहा है। राजधानी दिल्ली का अप्रैल का आल टाइम रिकार्ड (1969 से 2021 के बीच) 18 अप्रैल 2010 के नाम दर्ज रहा है, जब दिल्ली के मार्कर मौसम केंद्र सफदरजंग पर 43.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ था।
इस वीरवार को पारा 43.5 डिग्री तक पहुंच गया था और यह 2011 से 2022 तक सबसे ज्यादा माना जा रहा है। शुक्रवार को अधिकतम पारा 44 डिग्री रहने का अनुमान लगाया गया है। हो सकता है इस बार अप्रैल में 54 साल का रिकार्ड टूट सकता है। जिस हिसाब से न्यूनतम और उच्चतम तापमान में इजाफा होने के साथ-साथ गर्मी बढ़ रही है, ऐसे में इसकी पूरी संभावना है कि 54 साल का गर्मी का रिकार्ड टूट जाए।
आइआइटीएम पुणे के एक जलवायु वैज्ञानिक राक्सी मैथ्यू कौल बताते हैं कि दिल्ली और उसके आस-पास के शहरों में सूर्य की गर्मी रात को भी ऊपर की तरफ नहीं जा पा रही है। वह कंक्रीट एवं निर्माण के कारण से धरती में ही ट्रैप होकर रह जाती है, इसलिए रात में भी शहरों की सतह का तापमान उतना कम नहीं हो रहा है जितना होना चाहिए।