इंडिया न्यूज, गुरुग्राम (Gurugram-Delhi Sarhaul Border news)। शनिवार को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-48 के सरहौल बॉर्डर पर नवनिर्मित अंडरपास व नरसिंहपुर में बरसात के समय होने वाले जलभराव की समस्या से निजात पाने के लिए किए जा रहे प्रबंधों का उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया।
मॉनसून में गुरुग्राम की सड़कें, अंडरपास व यहां से होकर गुजरने वाले राजमार्ग जलभराव व जाम मुक्त हो इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए गुरुग्राम जिला प्रशासन व गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) द्वारा संयुक्त रूप से धरातल पर आवश्यक ठोस प्रबंध किए जा रहे हैं। निरीक्षण दौरे के समय जीएमडीए के इंफ्रास्ट्रक्चर-2 डिवीजन के कार्यकारी अभियंता विक्रम सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उनके साथ मौजूद रहे।
डीसी श्री यादव के गुरुग्राम-दिल्ली सरहौल बॉर्डर पर एनएचएआई द्वारा नवनिर्मित यू-टर्न अंडरपास के निरीक्षण के समय एनएचएआई के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि बरसात को ध्यान में रखते हुए यहां सर्विस ड्रेन की सफाई कराई गई है। लेकिन सरहौल बॉर्डर पर दिल्ली की ओर ड्रेन में पानी की निकासी की कोई व्यवस्था न होने के कारण ड्रेन का पानी वापस अंडरपास की ओर आएगा। जिससे सभी इंतजाम होने के बावजूद यहां जलभराव हो सकता है। उपायुक्त ने एनएचएआई के अधिकारियों की बात सुनने के बाद स्वयं जाकर ड्रेन का वो हिस्सा भी देखा जहां से आगे पानी की सप्लाई को आगे भेजने की कोई व्यवस्था नही थीं।
उपायुक्त ने कहा कि चूंकि सरहौल बॉर्डर से आगे दिल्ली की सीमा प्रारंभ हो जाती है ऐसे में एनएचएआई प्रबंधन सरहौल बॉर्डर पर इस मॉनसून में गुरुग्राम के हिस्से के पानी की निकासी के लिए एंबियंस मॉल के साथ लगती सरकारी जमीन पर अस्थाई तालाब बनाने की दिशा में कार्य करें।
वहीं भविष्य में पानी की निकासी के लिए भी रोड मैप तैयार करे। उन्होंने कहा कि यू-टर्न अंडरपास के निर्माण के बाद यह पहला बरसात का मौसम होगा, ऐसे में यहां जलभराव की समस्या ना हो इसके लिए हमें अभी से पुख्ता तैयारी करनी होगी। इस दौरान उपायुक्त ने एनएचएआई के अधिकारियों को अंडरपास में एंट्री से पहले टेबल टॉप ब्रेकर निर्माण के साथ साथ यहां अधिक क्षमता वाले वाटर पंम्प लगाने के निर्देश भी दिए।
उपायुक्त द्वारा नरसिंहपुर क्षेत्र में बरसात के समय गुरुग्राम से जयपुर की तरफ जाने वाली सर्विस लेन व हाइवे की मुख्य लेन पर होने वाले जलभराव से बचाव के लिए किए जा रहे प्रबंधो का जायजा लेने के बाद एनएचएआई व जीएमडीए के अधिकारियों से कहा कि इस क्षेत्र में जलभराव की समस्या के मद्देनजर पानी निकासी के लिए लगाए गए पम्पों की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है।
वहीं एनएचएआई द्वारा जो पंप लगाए गए है वो काफी पुरानी हालात में है। ऐसे में एनएचएआई प्रबंधन यह सुनिश्चित करे कि मानसून से पहले यहां पम्पों की क्षमता बढ़ाने के साथ साथ पुराने पम्पों को भी जल्द बदला जाए। इस दौरान जीएमडीए के इंफ्रास्ट्रक्चर-2 डिवीजन के कार्यकारी अभियंता विक्रम सिंह ने उन्हें बताया कि जीएमडीए द्वारा नरसिंहपुर में पानी निकासी के लिए पांच नए पंप लगाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत यहां 70 एचपी के दो पंप, 50 एचपी के दो पंप व 25 एचपी का एक पंप स्थापित किया जाएगा।
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