इंडिया न्यूज, New Delhi News : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कश्मीर में चल रही उठापटक पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कश्मीरी पंडितों के साथ आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले कश्मीर में एक सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या कर दी गई। जो काफी दुखद है। भट्ट की हत्या का बदला हमारी सेना ने 24 घंटों के अंदर दोनों आतंकवादियों को ढूंढकर मार गिराकर लिया। लेकिन इसके बावजूद आज पूरा देश इस बात से चिंतित है कि कश्मीर में आज भी कश्मीरी पंडित सुरक्षित क्यों नहीं है?
केजरीवाल ने कहा कि मेरी सरकार से गुजारिश है कि कश्मीरी पंडितों को वापस कश्मीर में बसाने के लिए जो भी सुरक्षा की व्यवस्था करनी पड़े वह करें। इसके लिए जितना भी खर्च हो वो किया जाए। ताकि कश्मीरी पंडितों को बसाया जा सकें। इसके साथ ही उन्होंने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकी समझ ले कि अगर उन्होंने कश्मीरी पंडितों की तरफ गलत इरादे से देखा भी तो उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शेगा नहीं हमारा देश।
गौरतलब है कि साल 1989-90 के आसपास जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लाखों कश्मीरी हिंदुओं को मजहबी कट्टरपंथियों के आतंक के कारण अपनी मातृभूमि को छोड़कर पलायन करना पड़ा था। इस दौरान बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार भी हुआ था, लेकिन केंद्र से लेकर राज्य तक की तत्कालीन सरकारें इस त्रासदी पर मूकदर्शक बनी बैठी रहीं और कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के लिए किसी ने भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यहां तक कि बाद के समय में भी इनके पुनर्वास के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए।
इसका परिणाम यह हुआ कि लाखों कश्मीरी पंडितों को अपने ही देश में शरणार्थी की तरह रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। कश्मीरी पंडितों की हालत पर हाल ही में रिलीज हुई हिंदी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स ने इस पूरी त्रासदी को सच्चाई के साथ लोगों के सामने रखने का काम किया है। इस फिल्म को लेकर भी काफी विवाद हुआ। लेकिन सच को नकारा नहीं जा सकता।
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