इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : शरीर के स्वास्थ्य के जितना ही मुंह का स्वास्थ्य जरूरी है। उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को मौलाना आजाद दंत विज्ञान संस्थान (एमएआइडीएस) में नेशनल रिसोर्स सेंटर फार ओरल हेल्थ एंड टोबैको सिसेशन (एनआरसीओएचटीसी) का उद्घाटन करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि दांतों की सेहत को लेकर आज भी अधिकतर लोग जागरूक नहीं हैं। यही वजह है कि युवाओं में भी ओरल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने दावा किया कि यह रिसोर्स सेंटर देश के कुल 315 डेंटल कालेज में पहला नेशनल रिसोर्स सेंटर है। जो अधिक से अधिक लोगों के बीच तंबाकू व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों के प्रति जागरुकता फैलाने, देश के दंत चिकित्सकों को बेहतर प्रशिक्षण देने और दंत चिकित्सा को लेकर शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज के दौर में तंबाकू को बढ़ावा देने वाली फिल्में, ओटीटी प्लेटफार्म और विज्ञापनों की वजह से युवा तेजी से इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। तंबाकू उत्पादों से जुड़ी कंपनियां इसे प्रमोट करने में लगी हुई हैं। दुनिया भर में हर साल 70 लाख से अधिक मौतें केवल तंबाकू के सेवन करने से हो रही हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तंबाकू का सेवन करने वाले मरीजों की लत छुड़वाने में बाकि चिकित्सकों की अपेक्षा दंत चिकित्सक काफी मदद कर सकते हैं। इसलिए देश व राष्ट्रीय राजधानी के दंत चिकित्सकों को इस सेंटर में बेहतर प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि युवाओं को नशा के लत से छुड़ाने में अपना योगदान दे सकें। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा से जुड़े विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि गत 10 वर्षों से तंबाकू निवारण व निषेध के लिए एमएआइडीएस ने 10 हजार मरीजों का इलाज किया जा चुका है। इस संस्थान ने दांतों की गुणवत्तापूर्ण देखभाल, शोध और दंत शिक्षा देने के लिए अपनी मुख्य भूमिका निभाई है। इसी की बदौलत आज इसे देश के पहले नेशनल रिसोर्स सेंटर का दर्जा मिला है। जो अपने किए कार्य को दर्शाता है।
संस्थान की निदेशक डाक्टर संगीता तलवार ने कहा कि एमएआइडीएस 2011 के बाद से एनएबीएच द्वारा मान्यता प्राप्त यह पहला डेंटल अस्पताल है। उन्होंने कहा कि देश में तंबाकू का सेवन पूरी तरह से रोकने या नशे की विकृति को खत्म करने के लिए व्यापक प्रयासों की जरूरत है। तभी जाकर हम नशा से मुक्ति पा सकते है और समाज को नशामुक्त बना सकते है।
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