India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Delhi: पुराने राजेंद्र नगर की घटना के बाद एक ओर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनीटरिंग कमेटी की सक्रिय दिखने लगी है वहीं दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में जून 2014 से अनधिकृत कॉलोनियों में हुए अवैध तरीके के निर्माण पर तोड़फोड़ खतरा मंडरारा है।हाईकोर्ट ने न्यू फ्रैड्स कॉलोनी में अवैध निर्माण पर सुनवाई करते हुए निगम से अब तक दिल्ली में जितने भी अवैध निर्माण हुए और उस पर क्या-क्या कार्रवाई हुई उसका पूरा डेटा मांगा था, बता दें कि उससे नगर निगम सारे आकंडे को एकत्रित करके बड़ी संख्या में अवैध निर्माण की पूरी जानकारी आ सकती है।
दिल्ली में अवैध निर्माण को संरक्षण देने के लिए एक दिल्ली स्पेशल प्रोविजन एक्ट है। इसके अनुसार नियमित कॉलोनी में हो रहे अवैध निर्माण 8 फरवरी 2007 तक संरक्षण प्राप्त हैं, जबकि गांव और अनधिकृत कॉलोनियों में अवैध निर्माण को 1 जून 2014 तक संरक्षण प्राप्त है। इसके बाद जो भी अवैध निर्माण हुए हैं उन पर कार्रवाई हो सकती है।
19 अगस्त 2025 तक सभी जोन को निगम मुख्यालय को पूरी जानकारी देनी है। विशेषज्ञों ने बताया कि अनुसार दिल्ली में कम से कम ऐसी 10 लाख संपत्ति ऐसी जो अवैध रूप से बनी है। और उनका निर्माण खासतौर पर गांव और अनधिकृत कॉलोनियों में जून 2014 के बाद हुआ है। दिल्ली में शहरी मामलों के जानकार जगदीश ममगांई ने बताया कि कहा कि निगम जब इन सभी संपत्तियों की लिस्ट लेकर जाएगा तो उम्मीद है कि हाईकोर्ट कार्रवाई कि रिपोर्ट मांगेगा।
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