आज समाज नेटवर्क, नई दिल्ली।
उत्तरी जिला के बाडा हिंदूराव इलाके में 18 अप्रैल को कलेक्शन एजेंट को गन प्वाइंट लेकर हुई 25 लाख रुपये की लूट के मामले में क्राइम ब्रांच ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से लूटी गई रकम से खरीदी गई स्कूटी और सोने की चेन बरामद हुई है। तीनों हत्या, डकैती, शस्त्र अधिनियम व मकोका के मामले में पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं। इनके नाम गणेश चंद (निहाल विहार), सुमित (विजय विहार) और राजबीर (बुद्ध विहार) है।
डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि एसीपी अरविंद कुमार और इंस्पेक्टर सतीश राणा के नेतृत्व में एसआइ लक्ष्मण, एएसआइ नरेश, हवलदार विनोद, जितेंद्र, उपेंद्र और राजेंद्र की टीम तीनों को 28 अप्रैल को दिल्ली के एक इलाके से दबोच लिया। उन्होंने बताया कि बदमाशों ने एक अन्य साथी के साथ 18 अप्रैल को जीत फारेक्स में काम करने वाले कलेक्शन एजेंट से लूटपाट की थी। पीड़ित उस समय चांदनी चैक में रहने वाले अपने मालिक के कहने पर नकदी लेने गया था।
पीड़ित के साथ एक अन्य साथी भी था। वहां से 25 लाख रुपये लेकर स्कूटी की डिग्गी में रखने के बाद दोपहर साढ़े तीन बजे वह वापस आ रहा था। किशनगंज मेट्रो स्टेशन स्थित डीसीएम रोड के पास दो स्कूटी पर सवार चार बदमाशों ने उन्हें घेर लिया था और रुपये लूटकर फरार हो गए थे। राजबीर के खिलाफ 12, गणेश चंद के खिलाफ तीन और सुमित के खिलाफ एक मामला दर्ज है।
राजबीर को 2010 में शालीमार बाग थाना पुलिस ने मकोका में गिरफ्तार किया था। वह शकूरपुर के गैंगस्टर सुधीर उर्फ काला का सहयोगी रहा है और बदमाशों को हथियार की आपूर्ति करता है। वह दिल्ली की कई बड़ी डकैतियों में भी शामिल रहा है। कैश वैन लूट में भी उसका हाथ था।
गणेश चंद हालिडे टूर में टैक्सी चलाता है। सुमित पहले बत्रा टायज के नाम से सेक्टर-सात, रोहिणी में खिलौने की दुकान में काम कर चुका है। 2019 में उसे एक वृद्ध महिला की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उक्त मामले में एक युवती की भी गिरफ्तारी हुई थी। वह 2021 में कोरोना काल में पैरोल पर जेल से बाहर आया था, तब से जमानत पर था।