India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Tihar Jail: तिहाड़ जेल के नए महानिदेशक की नियुक्ति के लिए, यूटी काडर के कई अधिकारियों में बढ़ रही है उत्साह। कुछ अधिकारियों को अब तक उच्च पदों पर नहीं रक्खा गया है और उनका सेवानिवृत्ति का समय भी अधिक हो गया है, लेकिन वे तिहाड़ के महानिदेशक बनने के लिए प्रयासरत हैं। हम आपको बता दें कि आज तिहाड़ जेल के नए महानिदेशक का नाम घोषित हो सकता है। पिछले एक दशक से, जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टरों द्वारा अपने मोबाइल फोनों के जरिए रंगदारी और सुपारी किलिंग जैसे गंभीर अपराधिक कारनामों का आयोजन किया जा रहा है। जेल के बाहर रहे अपने शूटरों को निर्देश देते हुए, गैंगस्टर आपराधिक घटनाओं का आयोजन करवा रहे हैं।
होमगार्ड में 1988 बैच के आइपीएस एसबीके सिंह के नाम पर चर्चा हो रही थी, जो कुछ दिनों से डीजी पद पर तैनात थे। लेकिन मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक, उनका नाम खारिज कर दिया गया है। वे अरुणाचल प्रदेश और अन्य केंद्र शासित प्रदेशों से दिल्ली वापस आए थे, जहां पुलिस आयुक्त के पद के लिए उनका नाम चर्चा में था। लेकिन किसी कारणवश, उन्हें पुलिस आयुक्त नहीं बनाया गया।
1989 बैच के IPS संदीप गोयल पर गंभीर आरोप लगे थे। उन्हें दिल्ली पुलिस में अच्छी छवि थी, लेकिन तिहाड़ जेल के महानिदेशक के रूप में उन पर आरोप लगने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। इसके बाद, जेल महानिदेशक का पद सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। केंद्र सरकार इस पद के लिए किसी ऐसे अधिकारी को चुनना चाहती हैं जो जेल को बेहतर ढंग से संचालित कर सकें।
पिछले हफ्ते, वीरेंद्र सिंह चहल और विवेक गोगिया के नाम की चर्चा हो रही थी, लेकिन अब सबसे अधिक 1992 बैच के सतीश गोलचा के नाम पर ध्यान केंद्रित है। गोलचा को काबिल और सुलझे हुए अधिकारी के रूप में माना जाता है, जो तिहाड़ जेल के लिए उपयुक्त हो सकते हैं। वह दिल्ली पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। वर्तमान में, वह दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त इंटेलिजेंस के पद पर हैं।
आर्थिक अपराध शाखा की विशेष आयुक्त नुजहत हसन भी दावेदारों में शामिल हैं। पिछले कुछ समय से, जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टरों ने जेल से ही मोबाइल के जरिये रंगदारी रैकेट और सुपारी किलिंग जैसे गंभीर अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया है। वे जेल के बाहर रहे अपने शूटरों को निर्देश देकर गैंगस्टर आपराधिक घटनाओं को करवा रहे हैं। जेल के अंदर गैंगवार में हत्या की भी घटनाएं बढ़ रही हैं। सुकेश चंद्रशेखर को दी जाने वाली सुविधाओं के बाद, जेल की छवि में बहुत बड़ी कमी आई है। 100 से अधिक कर्मियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
आज, तिहाड़ जेल में व्याप्त अव्यवस्था को सुधारने के लिए तेजतर्रार अधिकारी की जरूरत है। प्रतीत हो रहा था कि 29 अप्रैल तक डीजी का चयन किया जाएगा, लेकिन गृह मंत्रालय द्वारा सूची का जारी नहीं किया जाने के कारण, अब 30 अप्रैल को ही इस पर कोई निर्णय होगा।
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