इंडिया न्यूज, नई दिल्ली। 1 अक्टूबर से 28 फरवरी, 2023 तक दिल्ली में डीजल वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के दिल्ली सरकार के फैसले से दिल्ली का व्यापार और ट्रांसपोर्ट बुरी तरह प्रभावित होगा। इसे देखते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज ( कैट) ने कल (बुधवार) दिल्ली के सभी क्षेत्रों के प्रमुख व्यापारी संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है।
जिसमें सरकार के इस निर्णय तथा व्यापार एवं ट्रांसपोर्ट पर इसके विपरीत पड़ने वाले प्रभावों पर विस्तार से चर्चा होगी और इस मुद्दे पर व्यापारियों का अगला रूख तय किया जाएगा। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल तथा प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने यह बताते हुए कहा की इस मीटिंग में कैट ने ट्रांसपोर्ट संगठनों के प्रमुख नेताओं को भी आमंत्रित किया है ताकि इस विषय पर एक साझा मोर्चे के रूप में काम किया जा सके।
खंडेलवाल एवं आहूजा ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना वास्तव में बेहद जरूरी है किंतु इसके साथ यह भी देखा जाना चाहिए की सरकार के किसी भी निर्णय से किसी भी व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े । उन्होंने कहा कि इस निर्णय से पांच महीने तक दिल्ली में कोई भी सामान नहीं आ पाएगा क्योंकि दिल्ली में सारा माल अन्य राज्यों से ट्रकों में आता है और ट्रक डीजल से चलते हैं। लम्बी दूरी होने के कारण कोई भी ट्रक इलेक्ट्रिक या सीएनजी से नहीं चल सकते। इस दृष्टि से सरकार का यह निर्णय यह निर्णय बेमानी है और इसके परिणाम को सोचे समझे बिना लिया गया है ।
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