इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
त्यागराज स्टेडियम में आयोजित एससीईआरटी के 35वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रधान सचिव (शिक्षा ) एच राजेश प्रसाद मौजूद थे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा में अनुसंधान और प्रशिक्षण बहुत जरूरी और अहम बाते होती हैं। एससीईआरटी के निदेशक रजनीश सिंह ने इस दौरान कहा कि दिल्ली शिक्षा माडल जिसे देखने देशभर से लोग आते हैं वो वाकई अद्भुत है। पहले शिक्षक गणित, भूगोल का पाठ्यक्रम तैयार करने में लगे रहते थे। लेकिन अब हैप्पीनेस और देशभक्ति पाठ्यक्रम को भी शिक्षक तैयार कर रहे हैं। ये दिल्ली की शिक्षा क्रांति है।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा में अनुसंधान और प्रशिक्षण बहुत जरूरी और अहम बाते होती हैं। एससीईआरटी ने शिक्षकों के माध्यम से दिल्ली कि शिक्षा में बहुत योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली की शिक्षा की चर्चा जो देशभर में हो रही है उसकी बैकबोन के रूप में एससीईआरटी है। जो देश शिक्षा के अनुसंधान और प्रशिक्षण पर कार्य करता है वो देश बहुत आगे बढ़ता है। देश के भावी भविष्य को चमकाना है तो उसे अपने अनुसंधान और प्रशिक्षण पर कार्य करना होगा। आज फिनलैंड शिक्षा में विश्व में नंबर एक है चूंकि वहां शिक्षा को लेकर अनुसंधान और प्रशिक्षण पर बहुत ज्यादा कार्य किया गया है।
दिल्ली में जो कुछ भी हुआ है, चाहे वो देशभर से लोगों के आने की बात हो, छात्रों का बिजनेस ब्लास्टर्स में बढ़- चढ़ हिस्सा लेने की बात हो या देशभक्त बनने की। इन सबके पीछे एससीईआरटी के शिक्षकों का योगदान है। आज भी अगर पढ़े-लिखे लोग अगर धर्म में या जाति में बंटे है, महिलाओं के लिए लोगों में सम्मान नहीं है तो एससीईआरटी को और लंबी यात्रा तय करनी है। देश को अभी एससीईआरटी की बहुत जरूरत है।