India News (इंडिया न्यूज़) : देश के कई राज्यों में ट्रांसजेंडरों को सम्मान से जीने का हक देने के लिए तीसरे जेंडर के रूप में मान्यता मिल चुकी है। साथ ही उन्हें सरकारी नौकरी के लिए भर्ती की प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है। इस क्रम में दिल्ली सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया है। बता दें, दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने ट्रांसजेंडरों को मुख्य धारा में शामिल करने और सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए विभिन्न उपायों को मंजूरी दी है। जिसमें भर्तियों के आवेदन पत्रों में थर्ड जेंडर कैटेगरी को शामिल करना और उन्हें दुर्व्यवहार से बचाने के लिए निगरानी सेल्स की स्थापना करना जैसे उपाय शामिल हैं।
इसके साथ ही ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के निर्देशों के तहत दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग (डब्ल्यूसीडी) ने हर जिले में एक भेदभाव-विरोधी सेल की स्थापना का भी आदेश दिया है। अधिकारियों के अनुसार, ट्रांसजेंडरों के लिए भेदभाव-विरोधी सेल में तीन सदस्य होंगे और उनमें से कम से कम एक महिला या ट्रांसजेंडर होनी चाहिए।
बता दें, महिला एवं बाल विकास विभाग ने अधिकारियों को उन ट्रांसजेंडर सर्टिफिकेट प्राप्त आवेदक के दस्तावेजों को भी स्वीकार करने के निर्देश दिए हैं, जिनके मूल दस्तावेजों से फोटो या नाम अलग हैं। उनके कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सलाह के बाद यह निर्देश जारी किए गए हैं। आयोग ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए एक सलाह को मंजूरी दी है। जिसमें सिफारिशों का एक सेट शामिल है जो ट्रांसजेंडरों के कल्याण और अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है।
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