Twin Towers:
नई दिल्ली: ट्विन टावर ब्लास्ट होने के बाद 80 हजार मीट्रिक टन के मलबे को हटाना किसी चुनौती से कम नहीं है। ये दावा किया गया है कि तीन महीने के अंदर मलबे को पूरी तरह हटा दिया जाएगा। इस मलबे को देखकर आसपास रहने वाले लोग ये सोचकर संतुष्ट होंगे कि भ्रष्टाचार के दोनों टावर अब गिर चुके हैं। वह जब भी टावर की ओर नजर घुमाएगें तो उन्हें सुखद एहसास होगा, लेकिन उनके आसपास पड़े मलबे को उठाने के दौरान भी उन्हें कुछ परेशानियों उठानी पड़ सकती हैं।
देश में पहली बार 100 मीटर से ऊंची इमारत को ढहाया गया। इस दृश्य को देखने के लिए लोग बेहद उत्सुक रहे। छतों, सड़कों और फ्लाईओवर पर जहां भी लोगों को जगह मिली वहां अपने कैमरे में इसे कैद करने की होड़ मची। फिर जब ये टावर सफलतापूर्वक ढह गया तो लोगों की खुशी का भी ठिकाना नहीं था। कहीं मिठाइयां बांटी गई तो कहीं पूजा अर्चना कर भगवान का शुक्रिया अदा किया गया।
ट्विन टावर गिराने के लिए लोगों को नियंत्रित करने, रूट डायवर्जन और किसी अनहोनी से निपटने के लिए अच्छे इंतजाम करना एक बड़ी चुनौती थी। लोगों को इमारत से दूर रखने के लिए चार किमी इलाके में आला अधिकारियों से लेकर सिपाही तक तैनात किए गए थे। एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात रहीं। पूरा इलाका छावनी में बदल दिया गया था।
निगरानी रखने के लिए एक रेडियो सेंटर भी इंसीडेंट कमांड सेंटर वैन में था और दूसरा गेझा में। सीसीटीवी के द्वारा निगरानी रखी जा रही थी। कमांडर और सब कमांडर अधिकारियों के साथ अपडेट साझा कर रहे थे। आला अधिकारियों ने दोपहर 2:30 बजे सभी पांच कमांडर से अपडेट प्राप्त करने के बाद टावर गिराने का निर्देश दिया। इसके बाद दोपहर 2:31 बजे टावर ब्लास्ट कर दिए गए।
बता दें कि लगभग 45 मिनट तक नोएडा एक्सप्रेसवे को बंद रखा गया। वाहनों को नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर रोक गया। इसके अलावा, नोएडा की ओर आने वाले वाहनों को परी चौक के अलावा दो अन्य जगह पर डायवर्ट किया गया।
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