नई दिल्ली। नोएडा सेक्टर 93 A में स्थित ट्विन टाॅवरों को आज दोपहर ढ़ाई बजे बारूद से उड़ा दिया गया है। इस दौरान मिट्टी और धूल बड़ी मात्रा में इकट्ठा हो गया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है की टाॅवरों के गिरने के बाद आसपास के वातावरण दूषित होगें। आपको बता दें कि देश में पहली बार कुतुबमीनार की ऊंचाई से भी ऊंची वाली दो इमारतों को विस्फोट से गिराया गया है। टाॅवरों में लगाए गए बारूद की वजह से हवा की गुणवत्ता खराब होने की पूरी संभावना है।
दिल्ली स्थित भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक वी के सोनी ने बताया कि नोएडा में हो रहे इस ट्विन टॉवर विस्फोट से आसपास के वातावरण दूषित होगें। विस्फोट के दौरान प्रदूषण को लेकर जो सबसे अहम भूमिका निभाएगी वह हवा की गति और उसकी दिशा है, उसी से धूल और मिट्टी के कण कितनी दूरी तक जाएंगे, यह तय होगा। इस समय नोएडा में हवा की गति 18 किलोमीटर प्रति घंटे की है, विस्फोट से हवा का असर तो पड़ेगा ही।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया विस्फोट के दौरान कि हवा की गति के अलावा जो प्रमुख चीज है वह है हवा की दिशा। इस समय उत्तर-पश्चिम की ओर से हवाएं चल रही हैं, ऐसे में ट्विन टॉवर के पूर्वी दिशा में यह हवाएं तेजी से आगे बढ़ रही है। वहीं अभी अगले दो-तीन घंटों तक हवा की गति भी यही रहने की उम्मीद है। इस लिहाज से ट्विन टॉवर मलबे में बदलेगी, धूल कण हवा के माध्यम से दिल्ली के बजाय दादरी की तरफ बढ़ेंगे। हवा की दिशा से अनुमान लगाया जा रहा है कि ट्विन टॉवरों का दिल्ली के प्रदूषण स्तर पर कम असर होगा। जबकि नोएडा से दादरी के बीच में आने वाली जगहों पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
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