इंडिया न्यूज, नई दिल्ली Delhi Mundka Fire : दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण अग्निकांड हादसे के दौरान दो युवकों ने अपनी जान की बाजी लगाकर कई लोगों की जान बचाई। इसमें एक युवक तो खुद इमारत में फंसने के बावजूद लोगों को बाहर निकालने का काम करता रहा। गौरतलब है कि इमारत में शुक्रवार शाम आग लगने के बाद दमकल विभाग की टीम और पुलिस के पहुंचने से पहले पास के प्रॉपर्टी डीलर के आॅफिस में मौजूद ऋषभ लाकड़ा ने आनन-फानन में वहां से गुजर रही एक जेसीबी को रोककर लोगों की जान बचाने के लिए राजी किया। फिर बचाव कार्य के लिए दीवार तोड़कर लोगों को निकालने का काम शुरू हुआ।
हादसे के वक्त इमारत की पहली मंजिल में 30 वर्षीय हरजीत भी फंसा हुआ था, लेकिन उसने जेसीबी एवं रस्सी के सहारे पहले खुद निकलने की बजाय दूसरों को निकालना जारी रखा। वह लोगों को निकालने में जुटा रहा। यहां तक कि अंत में निकलते वक्त खुद भी झुलस गया और इमारत से गिरने की वजह से उसका पैर भी टूट गया। हालांकि उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जाती है।
मुंडका हादसे में आग की लपटों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक फंसी रहने वाली 18 वर्षीय तनु ने बताया कि अगर मीटिंग के दौरान गेट बंद नहीं किया जाता तो शायद लोग नीचे आ जाते और कई लोगों की जान बच जाती। तनु ने बताया कि सभी लोग रोज की तरह शुक्रवार सुबह काम पर आए थे। दोपहर में बताया गया कि बाहर से मेहमान आए हैं। वह सभी से बात करेंगे, इसलिए दूसरी मंजिल पर सभी को बुलाया गया। मीटिंग शुरू होने के 10 मिनट बाद ही बिजली चली गई और फिर इमारत में आग लग गई।
गेट बंद होने के चलते सभी आग में फंस गए। तनु ने बताया कि वह करीब डेढ़ घंटे तक इमारत में फंसी रही। काफी समय बाद रस्सी फेंकी गई और वह उस रस्सी के सहारे वह नीचे उतरी। मुंडका में जिस इमारत में भीषण आग लग गयी थी, उसके फरार चल रहे मालिक को घटना के दो दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने रविवार को बताया कि आग सबसे पहले शुक्रवार को चार मंजिला इमारत की पहली मंजिल पर लगी थी। इस घटना में 21 महिलाओं समेत 27 लोगों की मौत हो गई।
पुलिस उपायुक्त (बाहरी) समीर शर्मा ने कहा कि हमने दिल्ली और हरियाणा में छापे मारने के बाद इमारत के फरार मालिक मनीष लाकड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि लाकड़ा मुंडका गांव का रहने वाला है। इस घटना में कई लोग अब भी लापता हैं और उनके जीवित बचने की संभावना बहुत कम है।