होम / चीते की रफ़्तार से दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस, जानें क्या है भारतीय रेलवे का प्लान

चीते की रफ़्तार से दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस, जानें क्या है भारतीय रेलवे का प्लान

• LAST UPDATED : March 1, 2023

भारत में बुलेट ट्रेन की शुरुआत होने में अभी दो से तीन सालों का समय बताया जा रहा है । वहीं बुलेट ट्रेन के संचालन से पहले देश की पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत नया रिकॉर्ड बनाने जा रही है। बता दें, वंदे भारत मौजूदा समय में देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन है। जिसकी रफ़्तार 180 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई जा रही है । हालांकि, खबर ये है कि जल्द ही इस ट्रैन की रफ्तार बढ़ कर 200 किलोमीटर होने वाली है। मालूम हो, इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के पूर्व जीएम और वंदे भारत के निर्माता सुधांशु मणि ने कहा है कि ये भारतीय रेल के इतिहास में यह बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है.

बता दें, मौजूदा समय में देश में ट्रेनों का निर्माण स्टेनलैस स्टील से होता है। जिस वजह से ट्रेनों का वजन काफी ज्यादा होता है और वह ज्यादा रफ्तार से नहीं चल पाती है। लेकिन खबर ऐसी है कि अब रेलवे, स्टेनलैस स्टील की जगह एल्युमीनियम से ट्रेनों का निर्माण करने जा रहा है। मालूम हो, एल्युमीनियम का घनत्व (डेन्सिटी) कम होता है। जिस वजह से यह हल्की होती है और इसे काफी रफ्तार से चलाया जा सकता है। साथ ही इससे ऊर्जा की खपत भी कम होगी। बता दें, वंदे भारत ट्रेनों को एल्युमीनियम से बनाया जाएगा जिससे इसकी वर्तमान रफ्तार में 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की वृद्धि होगी और यह 200 की रफ्तार से दौड़ने लगेगी। हालांकि इससे लागत वृद्धि अत्यधिक हो जाएगी।

एल्युमीनियम से ट्रेनों के निर्माण के लिए 30000 करोड़ की बोली

बता दें, एल्युमीनियम से ट्रेनों के निर्माण के लिए दो कंपनियों ने 30000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। बोली लगाने वाली पहली कंपनी भारत की है इसका नाम है मेधा सर्वो ड्राइव्स है जो स्विस कंपनी स्टेडलर के साथ मिलकर ट्रेन बनाएगी। इसके अलावा दूसरी कंपनी फ्रांस की है।मालूम हो, एल्सटोम नाम की फ्रांसीसी कंपनी दिल्ली मेट्रो के कोच बनाने का काम करती है।

दिल्ली से हावड़ा की दूरी होगी कम

बता दें, दिल्ली से हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस से जाने में लगभग 17 घंटे का समय लगता है। जबकि अन्य ट्रेनों से 20 से 25 घंटे का समय लगता है। वहीं वंदे भारत से यह दूरी सिर्फ 10 घंटे में तय होगी। इसके अलावा दिल्ली से रांची की यात्रा 8 घंटे में हो सकेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे का लक्ष्य है यह है कि 2024 तक भारत में पहली स्लीपर वंदे ट्रेन का संचालन हो।

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox