VK Saxena on CM Kejriwal: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया है, जिसमें उन्होनें कहा कि केजरीवाल और उनके मंत्रियों पर अपने संवैधानिक कर्तव्यों से भाग रहे है। इसी के साथ कहा कि आबकारी नीति, बिजली सब्सिडी और जो मुद्दे उठाये थे उस पर कोई ‘‘संतोषजनक जवाब’’ नहीं मिला।
आपको बता दे इस ‘पत्र युद्ध’ के बीच सक्सेना ने 7 अक्टूबर को केजरीवाल को एक नया पत्र भेजा है। जिसमें सक्सेना ने आप सरकार पर तीखा हमला किया है और कहा कि ‘‘भाषण और विज्ञापन’’ पर आधारित शासन बुनियादी जनहित के कार्यों से अलग है।
आपको बता दे केजरीवाल की व्यंग्यात्मक टिप्पणी को लेकर सक्सेना ने नाराजगी भी जताई है। जिसमें उन्होंने सक्सेना के पत्र को ‘‘प्रेम पत्र’’ के तौर पर बताया था और उम्मीद जताई कि वह इसे ‘‘कर्तव्य के पत्र’’ के रूप में स्वीकार करेंगे। इसी के साथ सक्सेना ने बताया कि उनके पत्र और निर्देश ‘त्रुटियों और कमियों’ के खिलाफ आगाह करने के लिए थे, फिर भी उन पर व्यक्तिगत रूप से हमला किया गया और वह ‘‘निराधार आरोपों’’ का निशाना बने रहे।
आपको बता दे मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उपराज्यपाल ने कई तरह के सवाल किए है। जिसमें आबकारी नीति की जांच, उस कार्यक्रम में केजरीवाल या उनके मंत्रियों की अनुपस्थिति जिसमें राष्ट्रपति की उपस्थिति थी, बिजली सब्सिडी, शिक्षकों की भर्ती समेत कई अन्य बिंदुओं की जांच के संबंध में अपने निर्देशों के बारे में पूछा है। इसी के आगे कहा कि ‘‘इन सभी मामलों की जांच के आदेश देने में वह कहां गलत थे।’’
आपको बता दे केजरीवाल ने इससे पहले भी उपराज्यपाल पर कटाक्ष किया था। जिसमें कहा था कि एलजी ने अब तक जितना डांटा है उतना तो उनकी पत्नी ने भी नहीं डांटा है। हरअसल उपराज्यपाल का यह पत्र उपमुख्यमंत्री सिसोदिया द्वारा ‘असंवैधानिक रूप से’ जांच बिठाने का आरोप लगाने के बाद आया है। आपको बता दे सक्सेना ने केजरीवाल और उनके सहयोगियों पर झूठे आरोप लगाने और सोशल मीडिया के माध्यम से आरोप फैलाने का आरोप लगाया है, जिससे उनके द्वारा लक्षित लोगों को ‘अपूरणीय क्षति’ हुई है।
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