इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :
राजधानी में भीषण गर्मी चलते अब पानी का संकट भी गहराने लगा है। दरअसल, यमुना नदी के बहते पानी के प्रवाह में भारी कमी आई है जिसके कारण वजीराबाद में जल स्तर बहुत रफ्तार से कम होता दिखाई दे रहा है। एसे में राजधानी जल बोर्ड ने हरियाणा सिचाई विभाग को एक पत्र लिखकर पानी छोड़ने की अपील कर दी है ताकि वजीराबाद में कम हुए जल स्तर को बढ़ाकर इस संकट से निपटा जा सके। इससे पहले बीते अप्रैल में भी जल बोर्ड ने एक ऐसा ही पत्र हरियाणा को लिखकर पानी छोड़ने की मांग की थी।
जल विभाग ने पत्र में कहा है कि वजीराबाद में यमुना में बहने वाले जल कर स्तर 672.6 फीट ही रह गया है। यह सार्वजिनक जल स्तर 674.5 फीट से 2 फीट नीचे है। इस पत्र में जल बोर्ड ने कहा, हरियाणा से नदी का जल राजधानी लाने वाले सीएलसी (कैरीड लाइनेड चैनल) और डीएसबी (दिल्ली सब-ब्रांच) में भी उपर नीचे हो रहा है। सीएलसी में नॉरमल 683 क्यूसेक के मुकाबले 563 क्यूसेक जल है। इससे पानी का उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
राजधानी के अधिशेष जल बोर्ड ने हरियाणा से अतिरिक्त 150 क्यूसेक वॉटर छोड़ने की अपील की है, जिसकी मदद से जल संकट से निपटा जा सके। इतना ही नहीं राजधानी जल बोर्ड ने यह मांग की है कि मानसून तक अतिरिक्त पानी को छोड़ दिया जाए। जब तक यमुना में वर्षा के चलते अतिरिक्त जल न आने लगे।
राजधानी जल बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार गर्मी से नदी का जलस्तर घट घटता जा रहा है। वे कहते है कि मंगलवार तक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सामान्य स्तर पर काम करने में जुटा हुआ है, लेकिन नदी के भीतर जल की कमी होने के कारण इन पर असर पड़ने की संभावना बनी हुई है। दिल्ली में यह पानी का संकट पिछले महीने भी हुआ था, उस समय यमुना के जल में अमोनिया का स्तर भी बढ़ गया था, ऐसे में राजधानी जल बोर्ड के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स ने काम करना बंद कर दिया था।
अधिकारी बताता है कि गर्मी में मांग बढ़ने के चलते शहर के कुछ हिस्सों में पानी की भारी कमी की शिकायतें आ रही हैं। सर्दियों और गर्मियों के अर्ध में मांग में अंतर लगभग 20% होने का अनुमान लगाए है। उन्होंने कहा कि, दिल्ली में पानी का स्तर बना हुआ है और हम हरियाणा पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी जल बोर्ड नलकूपों के जरिए से आपूर्ति बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, जो तापमान के बढ़ने पर मांग को पूरा करने में भी विफल रहता है।
पानी के स्तर को देखने हुए एक अन्य अधिकारी बताता है कि वजीराबाद तालाब में निम्न स्तर और कैरियर-लाइन चैनल में कम प्रवाह ने चंद्रवाल, वजीराबाद, नांगलोई और द्वारका समेत बहुत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में संचालन क्षमता कम हुई है।