इंडिया न्यूज, नई दिल्ली। एबी फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित वेबिनार में लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु चतुवेर्दी, लेफ्टिनेंट जनरल कोणसँ हिमालय सिंह, ब्रिगेडियर प्रवीण कुमार सिंह और एयर वाइस मार्शल पी तिवारी आदि वक्ताओं ने अपने संबोधन मे अग्निपथ योजना को आज के युग के परिप्रेक्ष्य में सेना में पुर्नसुधार की दिशा में एक अहम कदम करार देते हुए कहा कि आज सेना को अपेक्षाकृत युवा जोश की जरूरत है।
भारतीय सेना की औसत आयु जो फिलहाल 32 से 35 के बीच है, अग्निवीरों की इस अवधारणा से यह कालान्तर में घट कर 26 वर्ष हो जाएगी। सभी वक्ताओं का समवेत स्वर में यह भी कहना था कि आज की युद्ध शैली आधुनिकतम तकनीक के साथ साइबर और जैविक आधारित हो चुकी है और इसके लिए सैनिकों का संख्या बल नहीं बल्कि ज्यादा स्किल वाले ऐसे किशोरों की जरूरत है जो हर दिन बदलती तकनीक को जल्दी ग्राह्य कर सकें। इसीलिए उनकी आयु सीमा साढ़े सत्रह से 21 साल की गयी है।
लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु चतुवेर्दी ने अग्निपथ योजना पर चर्चा को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। सेना में 4 साल की नौकरी के बाद रिटायर होने पर जो साढे ग्यारह लाख रुपए मिलेंगे उस राशि का वे सदुपयोग कर सकते हैं।
पूर्वोत्तर के पहले लेफ्टिनेंट जनरल पद पर पहुंचने का गौरव प्राप्त कोणसँ हिमालय सिंह ने बताया कि, भारतीय आर्मी को हमेशा सतर्क रहना होता है क्योंकि वह चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन पड़ोसियों से घिरा हुआ है। कार्यक्रम में इनके अलावा ब्रिगेडिर प्रवीण कुमार, एयर वाइस मार्शल ओ पी तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार पदम पति शर्मा और संस्था के ट्रस्टी चार्टर्ड अकाउंटेंट सीके मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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