India News(इंडिया न्यूज़), WFI: हाल ही में भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव हुए थे, जिसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह जीते और पहलवान अनीता श्योराण हार गईं। इसके बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया। अब सरकार ने नये कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है।
खेल मंत्रालय ने बयान में कहा, डब्ल्यूएफआई की नवनिर्वाचित कार्यकारी संस्था द्वारा लिए गए फैसले डब्ल्यूएफआई और राष्ट्रीय खेल विकास संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन हैं। ऐसे निर्णय कार्यकारी समिति द्वारा लिये जाते हैं, जिसके समक्ष एजेंडे को रखा जाना आवश्यक होता है। इन फैसलों में नये अध्यक्ष की मनमानी झलक रही है,जो सिद्धांतों के विपरीत है। एथलीटों, हितधारकों और जनता के बीच विश्वास बनाना महत्वपूर्ण है। इतना ही नहीं, मंत्रालय ने कहा, फेडरेशन का कामकाज पूर्व पदाधिकारियों द्वारा नियंत्रित परिसर से चलाया जा रहा है। इस परिसर में खिलाड़ियों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं और अदालत फिलहाल इस मामले की सुनवाई कर रही है।
अब सवाल यह उठता है कि चुनाव के जरिए WFI में परचम लहराने वाले संजय सिंह और उनकी टीम को सस्पेंड क्यों किया गया है। इसे लेकर कहा जा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के नेतृत्व में नवनिर्वाचित संगठन ने जल्दबाजी में अंडर-15 और अंडर-20 नेशनल चैंपियनशिप का आयोजन किया और पहलवानों को इसकी तैयारी के लिए समय भी नहीं दिया। भारतीय कुश्ती संघ की नई टीम पर भी नियमों की अनदेखी का आरोप लगा है।
बजरंग ने कहा, “जो एसोसिएशन बना है वह खिलाड़ियों की मदद के लिए है, उन्हें परेशान करने के लिए नहीं। हम निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं। बृजभूषण शरण सिंह ने हर राज्य में अपने लोग रखे हैं। हमारी सच्चाई नहीं दिखाई गई है। हम किसी भी तरह से राजनीति से जुड़े नहीं थे। विपक्ष ने हमारा समर्थन किया। हमने सरकार के लोगों से भी हमारा समर्थन करने को कहा था। तब किसी ने हमारा साथ नहीं दिया। हमने महिला सांसदों को भी पत्र लिखा था, लेकिन किसी ने हमारा समर्थन नहीं किया।
बजरंग ने कहा, ”हमने अपने तिरंगे के लिए खून-पसीना बहाया। सैनिकों और एथलीटों से ज्यादा मेहनत कोई नहीं करता। हमें गद्दार कहा गया। हम ऐसे नहीं हैं। हमने पुरस्कार जीतकर इसे प्राप्त किया।’ हम इसे वापस ले सकते हैं। हम सम्मान वापस लेंगे। साक्षी की संन्यास से वापसी पर अभी कुछ नहीं कह सकता।
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