India News(इंडिया न्यूज़) WFI: भारतीय कुश्ती महासंघ(WFI) के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों ने शनिवार को अदालत में दावा किया कि सिंह पहली नजर में उनका अपराधी है और वो पीड़ित हैं। अदालत मामले में आरोप तय करने के लिए संबंधित पक्षों की बहस सुन रही है। इस केस में सिंह के साथ महासंघ के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर भी आरोपी हैं। अडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के सामने शिकायतकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन ने विस्तार से दलीलें रखीं।
एडवोकेट जॉन ने कहा कि सभी पीड़ितों के बयान को देखें तो इसी से वे चार्जशीट में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) का हवाला दिया गया है. जिसमें एक में पांच साल की जेल की सजा है. ये चार्जशीट छह वयस्क पहलवानों के आरोप पर दर्ज एफआईआर पर दाखिल की गई। अदालत का ध्यान आईपीसी की धारा 354 और धारा 468 की ओर दिलाते हुए सीनियर एडवोकेट ने दावा किया कि मामला पूरी तरह से इस अदालत के अधिकारक्षेत्र में आता है और उसे इस पर सुनवाई का हर तरह से अधिकार है। जॉन ने अपनी दलीलों के समर्थन में लगभग 27 जजमेंट कोर्ट के सामने रखे।
अदालत ने आगे की दलीलें सुनने के लिए 1 सितंबर की तारीख तय की है। इससे पहले बृजभूषण शरण सिंह की ओर से अदालत से कहा गया था कि बिना यौन मंशा के किसी महिला को गले लगाना या छूना कोई अपराध नहीं है। सिंह के वकील राजीव मोहन ने दलील दी थी। उन्होंने कहा था कि आरोप काफी पुराने हैं। सिंह की ओर से यह भी कहा गया था कि कुश्ती ऐसा खेल है, जहां ज्यादातर कोच मर्द हैं। महिला कोच बमुश्किल से हैं। यदि कोई किसी उपलब्धि के बाद खुशी से किसी खिलाड़ी को गले लगा रहा है, तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आ सकता है। हालांकि, आरोपी की ओर से विस्तार से दलीलों को सुना जाना अभी बाकी है।