इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :
दिन के 24 घंटे हफ्ते के 7 दिन तेजी से दौड़ने वाली दिल्ली के बीचों-बीच लाल बलुआ पत्थर से बनी एक खूबसूरत बिल्डिंग के पास से होकर गुजरें तो मन वहीं ठहर जाता है। लाल किले का निर्माण पांचवे मुगल बादशाह शाहजहां के द्वारा कराया गया था। विकिपीडिया के अनुसार लाल किला 1648 में बनके तैयार हो गया था। युनेस्को की ओर से इस लाल किले को वर्ष 2007 में विश्व धरोहर के रूप में चयनित किया गया था। शानदार गुंबदों, बेहतरीन मेहराबों और जालीदार छज्जों से सजी यह इमारत, बेहतरीन स्थापत्य कला और बेमिसाल कारीगरी का नमूना है।
भारत देश में इस इमारत को एक विशेष महत्व दिया जाता है। देश के इतिहास में इसके महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आजाद होने के 74 साल बाद भी हर साल 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से देश के प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं। इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो पता चलता है की लाल किले की नींव को सन् 1639 में आज के दिन 29 अप्रैल को रखा गया था।
Read More : आज का Corona Update : पिछले 24 घंटे में आये 3377 नए केस
Also Read : Delhi में गर्मी के पानी को पूरा करने के लिए 1,000 MGD का लक्ष्य