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अरविंद केजरीवाल राष्ट्रपति चुनाव में किसका देंगे साथ

• LAST UPDATED : June 10, 2022

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Presidential Election 2022 news) : देश को अगला राष्ट्रपति आगामी 2 महीनों के दौरान मिल जाएगा। चुनाव आयोग के अनुसार अगले सप्ताह 15 जून से नामांकन शुरू होगा और 18 जुलाई को मतदान होगा। इसके तीन दिन बाद 21 जुलाई को मतगणना होगी। कुल मिलाकर जुलाई के अंतिम सप्ताह में देश को अगला राष्ट्रपति हर हाल में मिल जाएगा। चुनाव आयोग के ऐलान के बाद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सरगर्मियां बढ़ गई है। इस बार राजनीतिक मतभेदों के चलते किसी एक नाम पर सहमति बननी तकरीबन नामुमकिन है, ऐसे में चुनाव होना तय है।

ऐसी स्थिति में भाजपा के राष्ट्रपति उम्मीदवार के खिलाफ विपक्ष भी उम्मीदवार उतारेगा। ऐसे में कुछ ऐसे राजनीतिक दल जो न कांग्रेस के साथ हैं और न भाजपा के साथ, उनके सामने धर्मसंकट जैसी स्थिति होंगी। इनमें दिल्ली और पंजाब में सत्तासीन आम आदमी पार्टी भी है। सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी के वोट आखिरकार किधर जाएंगे? इसको लेकर अभी से परिचर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के मुखिया शायद ही भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन दें, क्योंकि आप-भाजपा में मतभेद चरम पर हैं। रही सही कसर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी ने पूरी कर दी है।

कांग्रेस के साथ भी नहीं जाएगी आम आदमी पार्टी

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी लगातार भाजपा और कांग्रेस दोनों पर बराबर हमलावर रही है। इतना ही नहीं आगामी कुछ महीनों के दौरान हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। गुजरात में जहां भाजपा सत्ता में है, तो वहीं हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में है। चुनाव प्रचार में आप दोनों राज्यों में सत्तासीन दलों पर जमकर हमला करने वाली है। ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी का कांग्रेस अथवा भाजपा के साथ होने का कोई कारण ही नजर नहीं आ रहा है।

कांग्रेस और भाजपा के बीच सामने आ सकता है तीसरा मोर्चा

कयास यह भी लगाया जा रहा है कि भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार पर एक राय नहीं बनी तो तीसरा मोर्चा बनाकर ममता बनर्जी भी राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकती हैं।

अरविंद केजरीवाल ममता का दे सकते है साथ

इसमें कोई दो राय नहीं है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच अच्छे रिश्ते हैं। कांग्रेस और भाजपा के इतर ममता की सहमति से तीसरे मोर्चे का उम्मीदवार उतारा गया तो अरविंद केजरीवाल अपनी सहमति दे सकते हैं। कहा जा रहा है कि काफी समय से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और आम आदमी पार्टी (आप) जैसी पार्टियां राष्ट्रपति चुनाव में सर्वसम्मति से एक गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार को मैदान में उतारने की रणनीति में जुटी हैं।

राष्ट्रपति के उम्मीदवार की चयन रणनीति में तृणमूल कांग्रेस व आप को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसी पार्टियों का भी साथ मिलने की संभावना है। बता दें मई महीने के पहले सप्ताह में दिल्ली में न्यायाधीशों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी अपने एक दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान किसी अन्य राजनीतिक नेता से न मिलकर सिर्फ आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के साथ मिलीं थीं। इस संक्षिप्त मुलाकात में दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव की संभावित रणनीति पर विचार-विमर्श किया था।

शरद पवार पर भी बन सकती है बात

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए राजी हो जाते हैं तो किसी विपक्षी दल के विरोध का सवाल ही नहीं उठता। इस दिग्गज नेता के राजनीतिक अनुभव और कद को देखते हुए टीएमसी से लेकर कांग्रेस तक हर कोई उनका समर्थन करेगा।

यदि पवार खड़े नहीं होते हैं तो आप के साथ टीएमसी कांग्रेस खेमे के बाहर से एक राजनीतिक नेता या एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति (दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम की तरह) को मैदान में उतारने की कोशिश करेगी। अगर शरद पवार उम्मीदवार बनते हैं तो कांग्रेस समेत अन्य दल भी राजी हो सकते हैं, जिनमें आम आदमी पार्टी भी शामिल है। अब यह समय ही बताएगा कि आने वाले दिनों में राजनीतिक गतिविधि क्या होती है।

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