नई दिल्ली: दिल्ली में मानसून तो शुरू हो गया है, लेकिन मौसम विभाग के पूर्वानुमान वर्षा को लेकर लगातार गलत साबित हो रहे हैं। मौसम विभाग हर बार आरेंज अलर्ट यानी ज्यादा वर्षा की जानकारी देता है, जबकि बारिश दस्तक भी नहीं दे रही है।
30 जून को मानसून आने के बाद से ही मौसम विभाग लगातार वर्षा का पूर्वानुमान जारी कर रहा है। हर रोज विभाग यलो अलर्ट जारी करता है, लेकिन दिल्लीवासी बारिश को बेताब रहते हैं। बुधवार के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया गया था, फिर यलो अलर्ट। मगर वर्षा इसके अनुमान के अनुसार नहीं हुई। इसी तरह गुरुवार के लिए भी पूर्व में आरेंज अलर्ट जारी था, जिसे बाद में यलो अलर्ट में तब्दिल कर दिया गया।
मौसम विभाग के पूर्व महानिदेशक डा. केजे रमेश इस स्थिति में और सुधार के लिए पूर्वानुमान केंद्र की कार्यशैली में बदलाव करने को कहते हैं। उनका कहना है कि पूर्वानुमान केंद्र में आठ घंटे की शिफ्ट में तीन अलग-अलग मौसम विज्ञानी रिपोर्ट बनाते हैं। इनकी समझ भी एक-दूसरे से अलग होती है और बहुत बार ये एक-दूसरे की रिपोर्ट को नए सिरे से पुष्टि भी नहीं करते। चूंकि मौसमी परिस्थितियां तेजी से बदलने लगती हैं, लिहाजा पूर्वानुमान भी बदल जाता है। ऐसे में अगर पहली शिफ्ट के मौसम विज्ञानी की रिपोर्ट की जांच या पुष्टि कर ली जाए तो पूर्वानुमान भी ज्यादा सही दिया जा सकता है।
महेश पलावत जो की स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) हैं उनका कहना है की, मौसम पूर्वानुमान में सटीकता नहीं होने के पीछे एक बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन भी है। माडल एवं राडार भी कुछ घंटे पहले ही बहुत से बदलाव पकड़ पाते हैं।
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