Tuesday, July 9, 2024
HomeDelhiWorld Trauma Day: सड़क हादसों में मौत के मामले में भारत टॉप...

India News(इंडिया न्यूज़), World Trauma Day: वर्ल्ड ट्रॉमा डे 2011 से हर साल 17 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन पीड़ितों को समय पर चिकित्सा देखभाल और मानसिक सांत्वना की मदद से अपने जीवन और अन्य चोटों को बचाने के लिए किसी दुर्घटना या आपदा के बाद तत्काल प्रतिक्रिया के बारे में जागरूक करता है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इन दुर्घटनाओं में 1,53,972 लोगों की मौत हुई जबकि 3,84,448 लोग घायल हुए। WHO के मुताबिक हर साल 1.79 करोड़ लोगों की मौत दिल की बीमारी से होती है। इनमें से बड़ी संख्या दिल का दौरा और कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मौतों की है। इसका मतलब यह है कि अचानक होने वाली अधिकांश मौतों में सड़क दुर्घटनाएं और दिल का दौरा शामिल हैं। इन स्थितियों से बचने के लिए तत्काल कुछ प्रयास करना बहुत जरूरी है।

दुर्घटनाओं में मौत का सबसे बड़ा कारण मस्तिष्क की चोट है

सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादातर लोगों की मौत मस्तिष्क की चोट के कारण होती है। अचानक इन स्थितियों में लोग अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं और जानकारी के अभाव में उन्हें मौत का सामना करना पड़ता है। इन स्थितियों से निपटने के लिए कुछ चीजें पहले से तैयार करना जरूरी है।

1. वाहन में सुरक्षा: यदि आप वाहन से एक कदम भी बाहर जाएं तो हमेशा अपनी सीट बेल्ट पहनें। अगर आप बाइक या साइकिल से जा रहे हैं तो हेलमेट जरूर पहनें। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए विशेष बूस्टर सीटों की व्यवस्था होनी चाहिए।

2. किसी भी परिस्थिति में शराब वर्जित है – कार, बाइक या साइकिल चलाते समय किसी भी परिस्थिति में शराब का सेवन न करें।

हार्ट अटैक से कैसे बचें

1. एस्पिरिन चबाएं।

2. अस्पताल पहुंचें- दिल का दौरा पड़ने पर जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचें।

3. सीपीआर- दिल का दौरा पड़ने पर मरीज को तुरंत सीपीआर देना चाहिए।

40-45 फीसदी लोग नहीं लगाते हेलमेट

दोपहिया वाहन चलाने वाले 40-45 फीसदी लोग ही हेलमेट नहीं पहनते। वहीं, दोपहिया के पीछे बैठने वाले करीब 75 फीसदी लोग हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करते। अध्ययन के दौरान ट्रामा में आए मरीजों का डाटा एकत्रित किया गया। इसमें पता चला कि करीब 56 फीसदी दोपहिया चालक हेलमेट लगाते हैं। वहीं पीछे बैठने वाले करीब 25 फीसदी लोग हेलमेट लगाते हैं।

दिल्ली के फुटपाथ की भी सुरक्षित नहीं

दिल्ली के फुटपाथ पर चलने वाले लोग भी सुरक्षित नहीं है। काफी लोग फुटपाथ पर चलते हुए घायल हुए जिन्हें दूसरे वाहन ने घायल किया। बता दें कि दिल्ली के फुटपाथ को सुरक्षित बनाने का आदेश दिया गया है। हालांकि, अतिक्रमण के कारण अधिकतर जगहों पर फुटपाथ पर चलने के लिए जगह ही नहीं है। वहीं, कई जगहों पर फुटपाथ पर ही लोग गाड़ियां चलाते हुए पाए जाते हैं। बता दें कि दिल्ली सरकार ने साइकिलिंग को सुरक्षित बनाने के लिए ट्रेक बनाए थे, लेकिन अधिकतर जगहों पर यह चालू हालत में नहीं है। वहीं सड़कों पर साइकिल चलाना सुरक्षित नहीं है।

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Nidhi Jha
Nidhi Jha
Journalist, India News, ITV network.
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