India News(इंडिया न्यूज),Wrestlers protest: पहलवानों का धरना जंतर-मंतर पर 17 वें दिन भी जारी है। किसान संगठनों द्वारा समर्थन के एलान के बाद सोमवार को सैकड़ों की संख्या में किसान जंतर-मंतर पहुंचे। इस दौरान किसानों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की, बैरिकेड्स भी तोड़े। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, मजबूरन हमलोगों के ऐसा करना पड़ा।
11 मई को देशभर में बृजभूषण का पुलता फूंकेंगे किसान
पहलवानों ने आरोपी बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन को तेज कर दिया है। रविवार को जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च निकाला गया। अब पहलवानों के समर्थन में उतरे किसान नेताओं ने कहा है कि 11 मई को देशभर में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का पुलता फूंकेंगे।
तब तक लड़ेंगे जब तक न्याय नहीं मिलेगा
पहलवानों का धरना प्रदर्शन बीते 23 अप्रैल से जारी है। उन्होंने कहा है कि वो तब तक लड़ेंगे जब तक न्याय नहीं मिलेगा। गत दिनों पहलवानों ने केंद्र सरकार से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यौन उत्पीड़न आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सरकार कार्रवाई करे, उनकी गिरफ्तारी हो। रविवार को प्रदर्शनस्थल पर किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे। उन्होंने कहा, “सरकार को इनकी बातों को गंभीरता से लेनी चाहिए। ये देश की वो बेटियां हैं जिन्होंने देश का नाम रौशन किया है। अगर ये धरने पर बैठे हैं और किसी पर गंभीर आरोप है तो उसकी जांच सरकार को निष्पक्षता से करना चाहिए।”
पहलवान विनेश की ससुराल वाले समर्थन के लिए पहुंचेंगे जंतर-मंतर
गत 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर बैठी महिला पहलवान विनेश फोगट की ससुराल खेड़ा बख्ता के ग्रामीण, खासकर महिलाएं और बुजुर्ग, अपनी बहू का समर्थन देने जल्द ही जंतर-मंतर पहुंचेंगे। गांव खेड़ा बख्ता में सोमवार को बैठक कर ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि वह अपनी बहू विनेश फोगट के साथ हैं। जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, तब तक वह उनके समर्थन में खड़े रहेंगे। गांव बख्ताखेड़ा की सरपंच पूनम और अन्य महिलाओं ने कहा कि वे भी गांव की बहू को इंसाफ दिलाने के लिए उनके साथ खड़े रहेंगे।
21 मई तक गिरफ्तार करने का दिया है अल्टीमेटम
रविवार को जंतर-मंतर पर किसानों ने एक बैठक के बाद केंद्र सरकार को कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए 21 मई तक का समय दिया है। संगठन ने कहा है कि उस तारीख तक कार्रवाई नहीं करती है तो संगठन के 5 हजार से ज्यादा किसान जंतर-मंतर पर कूच करेंगे। जिसके बाद आगे की रणनीति पर फैसला किया जाएगा।