India News(इंडिया न्यूज़) Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना-प्रदर्शन और बाद अब एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट मिलने को लेकर विनेश के साथ पहलवान बहुत चर्चा में हैं। हाई कोर्ट में खारिज होने के बाद भी ट्रायल में छूट का मामला शांत नहीं हुआ है। दिल्ली के राजघाट में आज पहलवान प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। महिला पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट भी शामिल बजरंग पुनिया ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक पोस्ट कर यह जानकारी दिया है कि गुरुवार दोपहर 12:30 बजे राजघाट पर पहलवान प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। दिल्ली हाई कोर्ट में खारिज होने के बाद भी ट्रायल में छूट का मामला शांत नहीं हो सका है। पएशियाई खेलों के ट्रायल से छूट मिलने को कारण विनेश और दूसरे पहलवान बहुत चर्चा में हैं।
चीफ मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल अदालत में बृजभूषण की ओर से पेश हुए थे। अधिवक्ता राजीव मोहन ने कि आरोप बहुत पुराने हैं। जानकारी के मुताबिक 9 अगस्त बुधवार को महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ) के निवर्तमान प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने कहा कि गलत इरादे के बिना किसी महिला को गले लगाना या छूना अपराध नहीं है। अधिवक्ता राजीव मोहन ने यह बताया कि अगर शिकायतकर्ता स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं और 5 साल तक सामने नहीं आए तो फिर यह कहना कि वे खतरे में थे, वैध स्पष्टीकरण नहीं है।
अधिवक्ता ने अदालत पर सवाल उठाते हुए कहा कि अदालत के पास मामले की सुनवाई करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है क्योंकि अपराध भारत के बाहर किए जाने का आरोप है। उन्होंने कहा कि दो अपराध अशोक रोड और सिरी फोर्ट से जुड़े हैं, लेकिन सिरी फोर्ट में अपराध केवल गले लगाने का है, लेकिन किसी महिला को बिना किसी आपराधिक बल या गलत इरादे के छूना अपराध नहीं है। बता दे कि सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय करने के बिंदु पर बहस जारी हो गया था। अधिवक्ता राजीव मोहन ने यह बताया कि अगर शिकायतकर्ता स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं और 5 साल तक सामने नहीं आए तो फिर यह कहना कि वे खतरे में थे, वैध स्पष्टीकरण नहीं है।
मामले में आगे की सुनवाई आज भी जारी रहेगी। मेट्रोपोलिटन अदालत ने 20 जुलाई को बृजभूषण और तोमर को कुछ शर्तों के साथ 25-25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दिया गया था, और देश से भागने पर रोक लगाया था। अधिवक्ता मोहन ने कहा कि कुश्ती एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसके ज्यादातर कोच पुरुष होते हैं। महिला कोच नहीं होती हैं। अगर कोई कोच किसी उपलब्धि के बाद खुशी से किसी खिलाड़ी को गले लगा रहा है तो ये अपराध में नहीं आता है।
आप सभी को नमस्कार 🙏
कल दोपहर 12:30 बजे हम press conference कर रहे हैं दिल्ली के राजघाट पर।
जय हिन्द ✊— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) August 9, 2023
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