India News(इंडिया न्यूज) Yamuna Pollution, एलजी विनय कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में यमुना प्रदूषण के लिए एनजीटी के उच्च स्तरीय समिति की पांचवी बैठक शुक्रवार को बैठी गई, इसमें यमुना प्रदूषण को लेकर किए जा रहे सभी कार्य और प्रगति को लेकर रिपोर्ट की समीक्षा की गई।
मई 2022 में इसका स्तर 76 प्रतिशत था जो मई में घटकर 48 प्रतिशत हो गया। नजफगढ़ नाला नदी में मिलने के बाद बीओडी का स्तर जो जनवरी 2022 में 42 प्रतिशत का था, वह जनवरी में घटकर 38 प्रतिशत आ गया।
शाहदरा नाले को नदी में मिलने के बाद बीओडी का स्तर जनवरी 2022 में 60 प्रतिशत था जो 2023 में घटकर 56 प्रतिशत तक पहुंच गया। मई 2022 में इसका स्तर 80 प्रतिशत का था जो 2023 में घटकर 48 प्रतिशत पर आ गया। 2022 की तुलना अगर 2023 के फरवरी, मार्च, और अप्रैल में इसकी अवधी में लगातार गिरावट दिखी।
बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि बेहतर तालमेल की वजह से एसटीपी के निर्माण द्वारा दूसरी महत्वपूर्ण परियोजना , जो भूमि संबंध बातों के कारण में गति मिल सकी है।
एचएलसी के आठ विशिष्ट कार्यक्षेत्रों के द्वारा यमुना के कार्य में निगरानी कर रहा है, जिसके तहत एजेंसियोें द्वारा योजना बनाई जाती है,और क्रियान्वित किया जाता है। इसमें सीवेज का 100 प्रतिशत शोधन, सभी नालों की ट्रेपिंग, कालोनियों और जेजे क्लस्टर में सीवरेज नेटवर्क का नर्माण किया गया है। सीईटीपी के माध्यम से प्रदूषण प्रबंधन, यमुना बाढ़, अपशिष्ट जल का उपयोग, नजफगढ़ झील की पर्यावरण प्रबंधन की योजना शामिल है।
इस संबंध में दिए गए प्रेजेंटेशन में एलजी संतोष ने कहा कि विभिन्न हितधारक विभागों किए जा रहे प्रयासों के परिणाम सामने आने शुरू हो गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को आने वाले मुशकिल और भविष्य के कायों के लिए चेतावनी भी दिया है।