India News(इंडिया न्यूज़), Yamuna River In Delhi: देश में नवरात्रि का जश्न मनाया जा रहा है, इसके साथ ही दिवाली की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। दिल्ली में यमुना के पानी की हालत खराब होने के साथ ही यमुना की मिट्टी भी अब उपयोग के लायक नहीं रह गई है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हालात ऐसे हैं कि अब इस मिट्टी से दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियां भी नहीं बनाई जा सकती।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। बताया गया कि एनजीटी को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें जल बोर्ड और डीडीए द्वारा यमुना नदी में प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई परियोजनाओं में लापरवाही देखी गई थी। आपको बता दें कि नदी के उत्थान में एसटीपी का निर्माण, कॉलोनियों में सीवर लाइनें बिछाना और सीवरों से गाद निकालना शामिल है।
यमुना की मिट्टी अब अनुपयोगी हो गई है, अब इससे मिट्टी के बर्तन नहीं बनाए जा सकते, इसका कारण यह है कि नदी का पानी रुकने के कारण इसमें गाद मिल गई है। दरअसल, यमुना का मैदान दोमट मिट्टी से बना है, जिसमें तलछट, मिट्टी और रेत होती है, लेकिन जल प्रदूषण के कारण इसमें गंदी गाद मिल गई है। आपको बता दें कि जब तक नदी का पानी बहता रहता है तब तक उसकी रेत बहती रहती है। यमुना की मिट्टी नदियों द्वारा लायी गयी गाद से जमा हुई है। यह मिट्टी पोटाश से भरपूर है लेकिन नाइट्रोजन कम है जबकि मध्य महाराष्ट्र की मिट्टी काली मिट्टी है जिसमें चूना लोहा मैग्नीशियम कैल्शियम कार्बोनेट एल्यूमिना और पोटाश होता है। यमुना के मैदान की मिट्टी दोमट है, जबकि मध्य महाराष्ट्र की मिट्टी चिकनी है।
इसे भी पढ़े: Delhi Air Pollution: वायु प्रदूषण पर केजरीवाल सरकार एक्शन में, उठाए ये कदम