Astrology Post: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन के ग्रहों की शुभता और अशुभता का बहुत महत्व होता है। ग्रहों के अशुभ होने से व्यक्ति के जीवन में संकटों का पहाड़ टूट पड़ता है। वहीं जब उसके ग्रह शुभ होते हैं तो व्यक्ति मिट्टी को भी सोना बना देता है। ग्रहों की शुभ दिशा से व्यक्ति का हर जगह सम्मान होता है, लक्ष्मी जी की कृपा सदैव बनी रहती है और सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
ऐसे में व्यक्ति को ग्रहों की शुभता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मान्यता है कि जब व्यक्ति गलत और अनैतिक कार्य करने लगता है तो ग्रहों की शुभता में कमी आने लगती है और आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकता हैं। यदि आप ग्रहों को शुभ रखना चाहते हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें-
स्त्रियों को घर की लक्ष्मी भी कहा जाता है। इसलिए आपको स्त्री का भूलकर भी अपमान नहीं करना चाहिए। जो लोग स्त्री का अपमान करते है उनके जीवन में धन से जुड़ी परेशानी का सामना करना पडंता है साथ ही उनकी जमा पूंजी नष्ट हो जाती है। स्त्रियों का आदर ना करने से शुक्र ग्रह की अशुभता में वृद्धि होती है।
ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को कर्म का कारक माना गया है। शनि को कर्मफलदाता और कलियुग का दंडाधिकारी भी कहा जाता हैं। जो लोग परिश्रम करने वालों का अपमान करते हैं, उन्हें शनि देव अपनी दशा और अंर्तदशा आदि में बहुत ही बुरे फल प्रदान करते हैं। ऐसे लोग बड़े संकटों में फंस जाते हैं उन्हें धन की हानि होती है और मान सम्मान में भी कमी आती है।
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