Benefits Of Rudraksh: रुद्राक्ष को शंकर भगवान का सबसे पसंदीदा गहना माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते है उनके ऊपर भगवान शंकर की कृपा होती है। जानकारी के लिए आपको बता दें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी। रुद्राक्ष 1 मुखी से लेकर 21 मुखी तक पाया जाता है। बता दे रुद्राक्ष पहनने से कई तरह के संकटों का नाश होता है पर क्या आप रुद्राक्ष पहनने के सही तरीकों को जानते हैं। आइए जानते हैं किन लोगों को किन स्थिति में रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। अगर किसी स्थित में महिला को रुद्राक्ष पहनना पड़े तो उसे बच्चे के जन्म के बाद सूतक काल समाप्त होने तक रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। इसके अलावा रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को भी किसी नवजात शिशु और उसकी मां के पास नहीं जाना चाहिए।
बता दे जो लोग मांस का सेवन करते हैं उन लोगों के रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जिसको भी रुद्राक्ष धारण करना हो उसे पहले धूम्रपान और मांसाहार भोजन से दूरी बनानी चाहिए। मान्यता है कि मांसाहार करने से रुद्राक्ष अशुद्ध होता है, जिसके कारण भविष्य में कई कष्ट उठाने पड़ सकते हैं।
आपको बता दे अगर किसी ने रुद्राक्ष पहना है तो उसे सोते समय उतार देना चाहिए। बता दे सोते समय आप रुद्राक्ष को तकिए के नीचे रख सकते हैं। ऐसा करने से बुरे सपने आने बंद हो जाते हैं। जिन लोगों को नींद की समस्या है, उन्हें भी इससे फायदा मिलता है।
रुद्राक्ष को हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष को कभी अशुद्ध हाथों से नहीं छूना चाहिए। इसे हमेशा स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करते समय शिव जी के मंत्र ऊं नमः शिवाय का उच्चारण करना चाहिए। स्वयं का पहना हुआ रुद्राक्ष कभी भी किसी दूसरे को धारण करने को नहीं देना चाहिए।
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