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Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा पर इन बातों का रखें घ्यान, भूलकर भी न करें ये गलतियां

• LAST UPDATED : October 25, 2022

Govardhan Puja 2022:

Govardhan Puja 2022: हर मौसम की तरह त्योहारों का भीएक मौसम होता है। जब एक के बाद एक त्योहार को लोग बेहद जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं। इसी में यह दीपावली का त्योहार आता है. जिसे बहुत उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। घरों की सफाई से लेकर उन्हें रंग- बिरंगी रंगोली, रोशनी से सजाना, परिवार और दोस्तों के लिए नए कपड़े खरीदना, दीपावली का पर्व लोगों के जीवन में खुशियां और रोशनी लेकर आता है। दीपावली के समय प्रवासी अपने घर, त्योहार मनाने के लिए जाते हैं। गोवर्धन पूजा, धनतेरस, दीपावली, भाई दूज ये सभी पूजा भी इसी समय होती है। हर साल गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन मनाई जाती है।

जानिए पूजा विधि

बता दे कि इस वर्ष सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि को मनाई जानी चाहिए। जिसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस साल के लिए गोवर्धन पूजा मुहूर्त 26 अक्टूबर को सुबह 06:29 बजे से 08:43 बजे तक है। इस दिन, भगवान कृष्ण ने स्वर्ग के देवता इंद्र का अहंकार तोड़ उन्हें हराया था।

गोवर्धन पूजा के लिए पूजा सामग्री

आपको बता दे कि गोवर्धन पूजा में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और ग्वाल बाल बनाए जाते हैं। जिसके पास भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति रखकर धूप दीप से उनकी आरती कर उन्हें ताजे फूल अर्पित किए जाते हैं। इसमें भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन अलग-अलग तरह के भोग लगाएं जाते हैं और साथ ही साथ  दूध, घी, शक्कर, दही और शहद से बना पंचामृत चढ़ाया जाता है।

इनका लगाएं भोग

गोवर्धन पूजा पर, भगवान कृष्ण को गेहूं, चावल, बेसन से बनी सब्जी और पत्तेदार सब्जियों का भोग लगाया जाता है। दही, दूध, शहद, चीनी, मेवा और तुलसी से बना पंचामृत भगवान कृष्ण को चढ़ाया जाता है और बाद में भक्तों को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।  कई प्रकार की सब्जियों से तैयार अन्नकुट्टा सब्जी भी भगवान कृष्ण के लिए बनाई जाती है।

पूजा की सही विधि

गोवर्धन पूजा के दौरान, भगवान कृष्ण की पूजा करने से पहले सुबह तेल मालिश और स्नान करने की सलाह दी जाती है।  भगवान की पूजा करने से पहले घर के बाहर भी गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है। भूलकर भी अन्नकूट और गोवर्धन पूजा का आयोजन बंद कमरे में न करें। इस दिन चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए।

 

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