Mahashivratri 2023: आपने सोशल मीडीया पर चल रहे इस मुहीम को सुना होगा तुम वैलेंटाइन मनाओं हम तो शिवरात्रि मनाएंगे। वैलेंटाइन बीत जाने के बाद भगवन भोलेनाथ के भक्तों की ख़ुशी बढ़ती जा रही है क्योंकि महाशिवरात्रि का पावन पवित्र शुभ दिन बस कुछ ही दिनों में आने वाला है। मालूम हो, हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व फागुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस महापर्व को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
देवों के भी देव महादेव के शादी का दिन अपने आप में कितना खास होगा इसका अंदाजा एक सनातनी ही लगा सकता है। ऐसे हर दिन महादेव से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना और उनके शादी के दिन प्रार्थना करने पर अत्यधिक लाभ तो होगा ही। हिन्दू पुराणों के मुताबिक, महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता ऐसी भी है कि महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते हैं। तो जानते हैं देवाधिदेव महादेव को प्रसन्न करने के लिए कैसे करें रुद्राभिषेक।
बता दें , रुद्राभिषेक दो शब्दों को जोड़कर बना है। पहला रुद्र तो दूसरा अभिषेक। मालूम हो, रुद्र का मतलब होता है भगवान शंकर और अभिषेक का मतलब होता है स्नान करना। यानि भगवान शंकर के शिवलिंग पर अभिषेक करना ही रुद्राभिषेक कहलाता है। शिवपुराव के पुराण जो भगवान शिव की महाशिवरात्रि पर कामना करता है। भगवान भोलेनाथ उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
बता दें, वैसे तो रुद्राभिषेक करने की कई विधि है। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार जिस प्रकार की कामना हो उस प्रकार और उन्हीं द्रव्यों से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए। जैसे लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से अभिषेक। पुत्र प्राप्ति के लिए गाय के कच्चे दूध से अभिषेक। अभीष्ट कामनाओं की सिद्धि के लिए मधु से अभिषेक। सरलता से काम को पूरा करने के लिए पंचामृत से अभिषेक। साथ ही मानसिक शांति क्लेश से मुक्ति पाने के लिए पवित्र गंगाजल से अभिषेक। इन तमाम विधियों और द्रवों द्वारा अपनी कामनाओं के अनुसार भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है।
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