India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Rakhsha Bandhan: रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम और स्नेह को दर्शाता है। प्रेम और विश्वास का यह त्यौहार सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा।
एक बार देवताओं और दानवों के बीच युद्ध शुरू हो गया, दानव देवताओं पर हावी होने लगे। देवताओं को पराजित होते देख भगवान इंद्र चिंतित और परेशान हो गए और ऋषि देवगुरु बृहस्पति के पास गए। कहा जाता है कि तब देवगुरु की सलाह पर इंद्रदेव की पत्नी शचि ने एक रेशमी धागे को मंत्र-शक्ति से पवित्र करके अपने पति की कलाई पर बांधा।
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स्कंद पुराण के अनुसार जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार में असुरराज बलि के अधीन संपूर्ण आकाश, पाताल और धरती को दो पग में नाप लिया तो उन्होंने पूछा कि तीसरा पग कहां रखूं? तब विष्णु भक्त राजा बलि ने कहा, प्रभु आप कृपा करके तीसरा पग मेरे सिर पर रख दीजिए। इससे भगवान प्रसन्न हुए और राजा बलि को रसातल का राजा बना दिया। फीर लक्ष्मी जी ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधा था।
महाभारत की एक घटना के अनुसार, युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के दौरान जब शिशुपाल ने भगवान कृष्ण का अपमान करने की सारी हदें पार कर दीं, तो भगवान कृष्ण ने शिशुपाल को मारने के लिए सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल किया। इस दौरान उसकी उंगली कट गई। यह देखकर द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर भगवान की उंगली पर बांध दिया। कहा जाता है कि इसी घटना के बाद से बहनों द्वारा अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा शुरू हुई, जो समय के साथ लोगों के बीच लोकप्रिय हो गई।
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