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कैसा है बांदीपुर टाइगर रिजर्व, जानें इससे जुड़ी रोचक जानकारी 

• LAST UPDATED : April 9, 2023

How is Bandipur Tiger Reserve?: पीएम मोदी ने रविवार(9 अप्रैल) को बांदीपुर टाइगर रिजर्व  का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने लगभग 60 मिनट से ज्यादा का वक्त नेशनल पार्क में बिताया। आइए जानते हैं इस रिजर्व से जुड़ी खास बातें…

1974 में बना टाइगर रिजर्व

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान कभी मैसूर राज्य के महाराजा के लिए शिकार का स्थान हुआ करता था। बाद में  प्रोजेक्ट टाइगर के तहत वन टाइगर रिजर्व के रूप में वर्ष 1974 में रिजर्व के रूप में धोषित किया। 

सबसे अच्छे प्रबंधित पार्कों में से एक

बांदीपुर दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में स्थित सबसे प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। और शुष्क पर्णपाती जंगल में विभिन्न बायोम वाले अपने विविध वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। इसे भारत के सबसे अच्छे प्रबंधित पार्कों में से एक माना जाता है। यह नेशनल पार्क 874 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में बाघों और हाथियों जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के साथ-साथ रिजर्व क्षेत्र में चंदन के पेड़ों के अति-उपयोग को संरक्षित करना और रोकना करना है। बांदीपुर नेशनल पार्क में सालों भर एक गर्म और आरामदायक जलवायु बना रहता है। पार्क के अंदर 24 से 28 डिग्री सेल्सियस की सामान्य तापमान होती है।

बाघों की अच्छी-खासी संख्या 

यहां पर पाए जाने वाले कुछ जानवर हाथी, गौर, बाघ, चार सींग वाले मृग, मग्गर, भारतीय रॉक पायथन आदि जैसी जानवरों का नाम शामिल है। बताया जाता है कि, बाघों की संख्या यहां अच्छी खासी तादात में है। वहीं यह नेशनल पार्क उत्‍तर में कबिनी नदी और दक्षिण में मोयार नदी से घिरा हुआ है। नुगु नदी पार्क बीचो बीच में है। पार्क में सबसे ऊंची जगह हिमवद गोपालस्वामी बेट्टा नामक पहाड़ी है जिसके शिखर पर प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।

 

यह मैसूर शहर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर, ऊटी की ओर जाने वाले रास्ते में आता है। यहां मानसून अनिश्चित है, लेकिन आम तौर पर जून से सितंबर तक बारिश होती है। घूमने के लिए जून से मार्च तक का महीना बेस्ट माना जाता है।

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