RIP Ranbir Singh: इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के जाने माने रंगकर्मी, अभिनेता रणबीर सिंह का आज मंगलवार को जयपुर में निधन हो गया है। 93 साल की उम्र में रणबीर सिंह ने अपनी आखिरी सांस ली। आपको बता दे कि जयपुर के एक अस्पताल में उनका काफी दिनों से इलाज चल रहा था और हाल में उनकी एक जटिल एंजियोप्लास्टी भी हुई थी।
रणबीर सिंह के निधन के बाद देशभर के नाट्य और सिने जगत से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है और सभी अपने कलाकार को अपने तरीकों से याद कर श्रृद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। आपको बता दें कि रणबीर सिंह ने थिएटर की दुनिया में अनेक नाटकों का निर्देशन, विदेशी नाटकों के भारतीय रूपांतरण किया।
रणबीर सिंह को शुरू से ही रंगमंच और फ़िल्म की दुनिया में रुचि थी। इसके बाद राजघराने के तमाम बंधन तोड़ कर वह 1949 में मुम्बई चले गए जहां से उन्होंने बीआर चोपड़ा की फ़िल्म शोले में अशोक कुमार और बीना के साथ काम किया। वहीं चांदनी चौक में मीना कुमारी और शेखर के साथ अभिनय का भी मौका मिला।
इसके बाद 1953 में वह जब वहां से जयपुर लौटे और उसके बाद उन्होनें जयपुर थिएटर ग्रुप की स्थापना की। जिसमे अनेक नाटकों का निर्देशन करने के साथ ही अभिनय और लाइटिंग की व्यवस्था भी संभाली। वहीं 1959 में कमला देवी चट्टोपाध्याय के बुलावे पर वह दिल्ली चले गए जहां उन्होंने “भारतीय नाट्य संघ” की स्थापना की। दिल्ली में रणबीर सिंह ने “यांत्रिक” थिएटर ग्रुप के साथ अनेक नाटक किए।
अभिनेता रणबीर सिंह ने कई विदेशी नाटकों के भारतीय रूपांतरण भी किए। रणबीर सिंह के करीबी लोग बताते हैं कि उन्होंने रंगमंच के इतिहास को वाजिद अली शाह, पारसी रंगमंच का इतिहास, इंदर सभा, संस्कृत नाटक का इतिहास जैसी पुस्तकों से संबंद्ध किया और नाटकों के कई विश्व कोषों में भारतीय रंगमंच की उपस्थिति दर्ज करवाई।
इसके अलावा वह मॉरीशस में सांस्कृतिक सलाहकार भी रहे तथा राजस्थान संगीत अकादमी के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली। वहीं उन्होंने रंगमंच के लिए इंग्लैंड, चेकोस्लोवाकिया, रूस, जर्मनी, फ्रांस, बांग्लादेश, नेपाल आदि देशों का कई बार भ्रमण किया।
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