Basant Panchami 2023: आज यानी 26 जनवरी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। माघ शुक्ल की पंचमी तिथि पर देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है। उपासना के इस पर्व को बसंत पंचमी कहा जाता है। इस दिन को पारंपरिक रूप से बच्चों की शिक्षा के लिए बेहद शुभ माना जाता है। जिन पर भी ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की कृपा होती है, उन्हें जीवन में सफलता और मान-सम्मान प्राप्त होता है।
बसंत पंचमी के दिन जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पीले या सफेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए। इसके बाद और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। मां सरस्वती की मूर्ति या प्रतिमा को पूजा वाली जगह पर स्थापित कर दें। पूजा वाली जगह पर कोई पुस्तक,वाद्य यंत्र या कोई भी कलात्मक चीज जरूर रखें। अब एक साफ थाली में कुमकुम, हल्दी, चावल रखें और फूलों से सजा कर भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा करें। आप मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिसरी, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में मां सरस्वती को अर्पित कर सकते हैं। मां सरस्वती को श्वेत चंदन, पीले और सफेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें। पूजा के समय मां सरस्वती के मूल मंत्र ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः‘ का जाप हल्दी की माला से करना सबसे अच्छा माना गया है।
माघ शुक्ल की पंचमी तिथि 25 जनवरी के दिन दोपहर 12.34 बजे से 26 जनवरी के दिन सुबह 10.28 मिनट तक रहेगी। उदिया तिथि की वजह से बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी दिन यानी आज मनाया जा रहा है। सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7.12 बजे से दोपहर 12.33 बजे तक है।
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