India News(इंडिया न्यूज़), Chhath Puja 2023: छठ महापर्व की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से होती है। यह त्यौहार 4 दिनों तक चलता है। इसकी शुरुआत नहाय खाय से होती है। आज इसका पहला दिन है।
चार दिवसीय छठ महापर्व का आज पहला दिन है। इसे नहाय खाय कहा जाता है। नहाय खाय का अर्थ है स्नान करने के बाद भोजन करना। इस महापर्व में महिलाएं अपनी संतान की खुशहाली और लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
इस दिन छठव्रती स्नान कर शुद्ध शाकाहारी भोजन कर अपना व्रत शुरू करती हैं। नहाय खाय में व्रती समेत परिवार के सभी सदस्य चावल के साथ कद्दू की सब्जी, चने की दाल, मूली आदि का सेवन करते हैं। व्रती के भोजन कर लेने के बाद ही परिवार के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं।
कद्दू की सब्जी पूरी तरह से सात्विक मानी जाती है। इसलिए छठ पूजा का व्रत इसी को खाकर शुरू किया जाता है। माना जाता है कि इसे खाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से कद्दू एक आसानी से पचने वाली सब्जी है। यही कारण है कि आज छठ व्रत करने वाले लोग कद्दू का सेवन करते हैं।
नहाय खाय की परंपरा का पालन किया जाता है। इस दिन, भक्त नदी या तालाब में स्नान करते हैं और प्रसाद के रूप में कच्चे चावल, चने की दाल और कद्दू या लौकी का सेवन करते हैं। यह भोजन अत्यंत शुद्ध और पवित्र माना जाता है। नहाय खाय का संबंध पवित्रता से है। इसमें व्रती खुद को शुद्ध करके छठ का व्रत शुरू करती हैं।
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