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Dhanteras 2022: धनतेरस पर इन देवताओं की भी करनी चाहिए पूजा, यहां जानें पूजन विधि और मंत्र

• LAST UPDATED : October 22, 2022

Dhanteras 2022: आज यानी 22 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है। इस दिन लोग शगुन के तौर पर सोना-चांदी, बर्तन या आभूषण खरीदते हैं। इस दिन श्री गणेश, धन के देवता कुबेर, औषधि के देवता धन्वंतरि तथा सुख, समृद्धि तथा वैभव की देवी महालक्ष्मी की पूजा विधि विधान से एक साथ करनी चाहिए। तो आइए जानते हैं कि धनतेरस पर गणेश-लक्ष्मी के अलावा और किन-किन देवताओं का पूजन विधि और पूजन मंत्र क्या होता है।

धनतेरस पर श्री गणेश की पूजन विधि- 

श्री गणेश जी को सबका आराध्य माना जाता है। यही कारण है कि सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

  • सबसे पहले श्री गणेश को स्नान कराएं।
  • इसके बाद श्री गणेश को चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • अब उन्हें लाल रंग के वस्त्र पहना दें और फिर ताजे पुष्प अर्पण करें।

इसके बाद आप धनतेरस की पूजा शुरू करने से पहले इस मंत्र का जाप जरुर करें-

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

धन्वंतरि देव की पूजन विधि-

श्री गणेश की पूजा करने के बाद भगवान धन्वंतरि का पूजन शुरू करें-

  • सबसे पहले भगवान धन्वंतरि की मूर्ति स्थापित कर उन्हें स्नान कराएं।
  • इसके बाद धन्वंतरि देव का अभिषेक करें।
  • अब उन्हें 9 प्रकार के अनाज का भोग लगाएं।
  • माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई और पीली चीज प्रिय होती है, तो संभव हो तो उन्हें पीले रंग की वस्तुएं ही अर्पित करें।

अब आपको अपने परिवार के अच्छे स्वास्थ्य और भलाई के लिए प्रार्थना करते हुए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

ॐ नमो भगवते महा सुदर्शनाया वासुदेवाय धन्वन्तरये
अमृत कलश हस्ताय सर्व भय विनाशाय सर्व रोग निवारणाय
त्रैलोक्य पतये, त्रैलोक्य निधये
श्री महा विष्णु स्वरूप, श्री धन्वंतरि  स्वरुप
श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय स्वाहा

धन देवता कुबेर की पूजन विधि- 

ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन जो भी व्यक्ति पूरे विधि विधान से भगवान कुबेर की पूजा करता है उसके घर में कभी धन संपत्ति की कमी नहीं रहती है। कुबेर देव की पूजा के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उनकी पूजा प्रदोष काल में ही हो।

  • सबसे पहले कुबेर देव कि मूर्ति स्थापित करके उन्हें स्नान कराएं।
  • इसके बाद उन्हें  फूल, फल, चावल, रोली-चंदन, अर्पित करें।
  • अब धूप-दीप का उपयोग कर उनका पूजन करें।
  • उन्हें सफेद मिठाई का भोग लगाएं।

धन देवता कुबेर कि पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें-

ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।

महालक्ष्मी जी की पूजन विधि-

महालक्ष्मी की पूजा धनतेरस के दिन प्रदोष काल में ही होती है।

  • सबसे पहले एक चौकी पर एक लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उसमें मुट्ठी भर अनाज रख लें।
  • अब बाद कलश में गंगाजल रखें।
  • इसके साथ सुपारी, फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने और अनाज भी इस कलश के ऊपर रख दें।
  • फिर लक्ष्मी जी की प्रतिमा का पंचामृत (दूध, दही, घी, मक्खन और शहद का मिश्रण) से स्नान कराएं।
  • इसके बाद जल से स्नान कराने के बाद माता लक्ष्मी को चंदन लगाएं, इत्र, सिंदूर, हल्दी, गुलाल आदि अर्पित करें।
  • आखिर में सफलता, समृद्धि, खुशी और कल्याण की कामना करें।

इसके बाद इस मंत्र का जाप करें-

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

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