India News(इंडिया न्यूज़), Diwali 2023: रोशनी का त्योहार दिवाली इस बार 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी। सभी जानते हैं कि दिवाली का त्योहार भगवान राम के चौदह साल के वनवास से अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जब भगवान राम अयोध्या लौटे थे तो सबसे पहले उनकी मुलाकात किससे हुई थी?
भगवान राम ने अपने प्रिय भाई भरत को गले लगा लिया
जब श्री रामजी वनवास के लिए अयोध्या से निकले थे। तब उनके प्रिय भाई भरत ने प्रतिज्ञा लेते हुए श्री राम से कहा था कि आपका भाई भरत आज से यह प्रतिज्ञा करता है कि जब तक आप चौदह वर्ष तक वनवास में रहूंगा। यदि भाई श्री आप चौदह वर्ष का वनवास पूरा करने के अंतिम दिन अयोध्या नहीं आये तो आपका भाई भरत अपने प्राण त्याग देगा। जब भगवान राम चौदह दिन का वनवास पूरा करके अयोध्या आ रहे थे। अत: सबसे पहले वे अयोध्या स्थित नंदीग्राम में अपने भाई भरत से मिले और अपने प्रिय भाई भरत को प्रेमपूर्वक गले लगाया और इस क्षण को भरत मिलाप कहा गया।
भगवान राम का हुआ भव्य स्वागत
करुणा के सागर अपने प्रिय श्रीराम के अयोध्या आगमन की खुशी में अयोध्यावासियों ने उस मार्ग पर फूल बिछाये थे और जगह-जगह दीपकों की कतारें लगायी थीं। उस समय अयोध्या नगरी संपूर्ण ब्रह्माण्ड में सबसे अधिक शोभायमान हो गयी थी। अयोध्यावासी घर लौटने की खुशी में मंगल गीत गा रहे थे। देवता पुष्पवर्षा कर रहे थे।
भगवान राम के स्वागत से जुड़ी दोहे
दोहा इस प्रकार
सुमन बृष्टि नभ संकुल भवन चले सुखकंद।
चढ़ अटारिन्ह देखहिं नगर नारि नर बृंद॥
भावार्थ: जब आनंदकन्द श्री रामजी अपने महल को सजाने गए तो आकाश फूलों से ढक गया। सभी अयोध्यावासी अपने प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए अटारियों पर चढ़ रहे हैं।
भगवान राम के अयोध्या आगमन पर उनकी स्तुति की
शास्त्रों में कहा गया है कि राम शिव को जपते हैं और शिव राम को जपते हैं, दोनों में कोई अंतर नहीं है। जब भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या आये तो भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उनके स्वागत में यह स्तुति गाई। यह स्तुति रामचरितमानस में भी वर्णित है।
इस प्रकार स्तुति
जय राम रमारमनं समनम्। भव ताप भयकुल पाहि जनम।
अवधेस सुरे रमेस बिभो। सरनागत मागत पाहि प्रभो।।
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