Shradh: पितृपक्ष की शुरूआत 10 सितंबर से हो रही है। पितृपक्ष 15 दिन के होते हैं और यह 15 दिनों तक पूर्वजों को तर्पण दिया जाता है। इन दिनों में पूजा के साथ-साथ खाने-पीने को लेकर भी कई अहम नियम बनाए गए हैं। जिनका पालन सभी को करना चाहिए। मान्यताओं के मुताबिक जिन पूर्वजों की मृत्यु हो चुकी है, उनको नाराज करने से जीवन में काफी परेशानी आ जाती है और सुख-शांति भी खत्म होने लगती है। आइये आपको बताते हैं कि वह कौन सी चीजे हैं जिन्हें खाने के लिए पितृपक्ष में मना किया जाता है।
जैसा कि सब जानते है किसी भी पूजा-पाठ या व्रत-त्योहार के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया जाता है। क्योंकि इससे हमारे भगवान नाराज हो जाते हैं। वहीं आपको बता दे कि पितृपक्ष के दौरान भी इन चीजों को नहीं खाना चाहिए। पितृपक्ष में इन सबसे दूर रहना चाहिए।
लहसुन और प्याज को तामसिक बताया गया है। पितृपक्ष के समय हर किसी को बड़ी ही सादगी के साथ रहना चाहिए। साथ ही भोजन भी सादा ही करना चाहिए। इन दिनों लहसुन और प्याज को पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए।
कई सारी ऐसी सब्जियां होती हैं, जो जमीन के अंदर उगती हैं। इन सब्जियों को कंद कहा जाता है। जैसे आलू, अरबी, शलजम, चुकंदर, शकरकंद, गाजर और मूली आदि। इनको पितृपक्ष के दौरान नहीं खाना चाहे। इन सब्जियों का भोग भी लगाना मना है। श्राद्धभोज में भी किसी भी ब्राह्मण को ये सब्जियां खिलाने से हमारे पूर्वज नाराज हो जाते हैं।
इसके अलावा पितृपक्ष के दिनों में पूर्वजों को चना या चने की दाल, चने के आटे की मिठाई आदि चने से बने खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
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