Clapping Therapy: ताली तो हम अक्सर बजाते हैं। कोई खुशी का मौका हो, भजन कीर्तन गाते हुए या बर्थडे सेलिब्रेशन इन सब के दौरान क्लैपिंग तो की ही जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं क्लैपिंग फिटनेस के लिए भी जरूरी होता है। ताली बजाने से आप शरीर से कई बीमारियों को दूर भगा सकते हैं। बता दें कि इस प्रक्रिया को क्लैपिंग थेरेपी कहा जाता है। तो आइए जानके हैं इससे जुड़े फायदों के बारे में।
क्लैपिंग थेरेपी से आपका दिल सेहतमंद रहता है। हमारे हाथ में कुल 29 एक्यूप्रेशर पॉइंट होते हैं। ताली बजाने के दौरान इन सब पर प्रेशर पड़ता है, जिससे आपको एनर्जी मिलने लगती है। यह ब्लड सरकुलेशन सुधारने में सहायता करता है और दिल की सेहत ऐसा करने से ठीक बनी रहती है। यह ब्लड सरकुलेशन सुधारने में मदद करता है और इससे दिल की सेहत अच्छी बनी रहती है।
ताली बजाना स्ट्रेस और डिप्रेशन में भी अच्छा साबित होता है। हर रोज नियमित तरीके से सुबह क्लैपिंग थेरेपी करनी चाहिए। इससे ब्रेन को पॉजिटिव सिग्नल प्राप्त होते हैं। ऐसा करने से तनाव कम होता है और आपके दिमाग को आराम पहुंचता है। इसे करने से हैप्पी हार्मोंस बढ़ते हैं, जिसे रिलैक्स महसूस होता है।
क्लैपिंग थेरेपी को करने से बच्चों की मेमोरी पावर बढ़ती है। इससे बच्चे अच्छी तरह से हर चीज को याद रख पाते हैं।
सुबह-सुबह उठकर 20-30 मिनट क्लैपिंग थेरेपी करनी चाहिए। इससे आपकी इम्युनिटी बढ़ेगी। ताली बजाने से शरीर के ऊर्जा साइकिल सक्रिय होते हैं। इससे शरीर में वाइट ब्लड सेल्स बढ़ते हैं और आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ने सें सहायता मिलती है।
क्लैपिंग थेरेपी को त्वचा के लिए खासतौर से फायदेमंद माना जाता है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह अच्छी तरह से होता है, जससे आपकी स्किन ग्लोइंग बनती है।
सबसे पहले हाथों में सरसों या नारियल का तेल लगा लें। क्लैपिंग ऐसे करें कि हथेली और उंगलियों की टिप एक दूसरे को छुए। ऐसा आपको सुबह के समय करना चाहिए, लेकिन आप अपने वक्त से भी इसे कर सकते हैं। दिन में 1500 बार ताली बजाने की कोशिश करनी चाहिए। रोजाना खाना खाने के बाद भी आप ताली बजा सकते हैं। ऐसा करने से रक्त संचार बढ़ता है और बैड कोलेस्ट्रॉल कम होने में सहायता मिलती है।
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