Emotional Exhaustion:
Emotional Exhaustion: क्या आपको कभी-कभी जरूरत से ज्यादा इमोशनल होने पर रोना आ जाता है या बिना कोई काम किए जरूरत से ज्यादा थकान होने लगती है? तो आपको सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि आप भावनात्मक थकान (Emotional Exhaustion) नाम की बीमारी से गुजर रहे हैं। जिसका मतलब है कि आपका दिमाग के लिए यह ब्रेक टाइम है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।
छोटी-छोटी बातों पर आना
अगर आपको हर छोटी बात पर गुस्सा आता है या चिड़चिड़ापन महसूस होता है। तो आप इमोशनली इतना ज्यादा स्ट्रेस ले चुके हैं जिससे आपको हर छोटी बात परेशान कर रही है। इस स्थिति में आप अपने इमोशन पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं।
नहीं मिलता मोटिवेशन
यदि आपको लगता है कि आपके पास कोई भी काम करने की प्रेरणा नहीं है या एक्साइटमेंट नहीं बची है। आप मोटिवेट नहीं हो पा रहे हैं और किसी भी काम में मन नहीं लग रहा है, तो जान लीजिए कि आपकी प्रोडक्टिविटी कम हो रही है।
लगातार बेचैनी होना
अगर आप भावनात्मक रूप से थक चुके हैं और आपको लगातार बेचैनी हो रही है। या आप बिना किसी बात के ही बेचैन हो जाते हैं और साथ ही छोटी-छोटी बातों पर एंग्जाइटी और स्ट्रेस फील करते है तो यह इमोशनल थकान के संकेत हो सकते हैं।
नींद का बार-बार टूटना
जब आप भावनात्मक रूप से थक जाते हैं तो इसका सीधा असर आपकी नींद पर होता। यदि आप चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं या सोते समय आपकी नींद बार-बार खुल रही है तो भावनात्मक थकान का असर होता है।
बिना बात के रोना
बता दें के जब आप इस समस्या से जूझ रहे होते हैं तो आप अपनी भावनाओं पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। छोटी-छोटी बातों से परेशान होने लगते हैं कई बार तो रोने लगते हैं।
कैसे निकलें बाहर?
अगर आप भावनात्मक थकान से बाहर निकलना चाहते हैं तो आपको ब्रेक जरूर लेना चाहिए। ब्रेक लेने से आप हर चीज के बारे में सही से सोच पाएंगे और सही डिसीजन ले पाएंगे।