India News ( इंडिया न्यूज ), Air Pollution Effect On Eyes : जैसे-जैसे महीने बदलते है, वैसे-वैसे ही मौसम भी बदलते है। वहीं अक्टूबर का महीना आते ही हवा की गुणवत्ता भी खराब होने लगती है। और इससे ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है। बता देें कि प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने की वजह से आंखों में जलन , आंखों से आंसू , खूजली जैसी समस्याएं होने लगती है। और साथ ही अस्थमा जैसी दिक्कतें भी होने लगती है। अगर आप भी प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन , आंखों से आंसू , खुजली जैसी समस्याओं से परेशान है तो कुछ बातों का ध्यान रखकर इससे राहत पाई जा सकती है।
आंखों को ठंडे पानी से धोना प्रदूषण से आंखों में होने वाली जलन, खुजली जैसी समस्याओं से राहत दिलाने का सबसे अच्छा तरीका है। प्रदूषण के कारण धूल- मिट्टी के कण आंख में जाकर जमा हो जाते है, वहीं ठंडे पानी से आंखों को धोने से सारी आंखों में जमी सारी धूल- मिट्टी बाहर निकल जाती है। बता दें कि दिन में 2-3 बार आंखों को ठंडे पानी से जरूर धोना चाहिए।
वहीं चश्मे के इस्माल करना प्रदूषण से आंखों को बचना के लिए एक बहुत अच्छा तरीका है। चश्मे के ग्लास आंखों को प्रदूषण कणों से बचाते हैं। वहीं घर से बाहर निकलते समय चश्मा जरूर पहनना चाहिए। क्योंकि चश्मे के ग्लास आंखों तक पहुंचने वाले प्रदूषण कणों को रोक देते हैं। इससे आंखों को काफी हद तक बचाया जा सकता है।
आंखों की जलन को कम करने के लिए आइस क्यूब का इस्तमाल करें। किसी भी सूती कपड़े मे आइस क्यूब डालकर आंखों की सिकाई करें। ऐसा करने से आंखों की परेशानी काफी हद तक दूर हो सकती है।
वहीं मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप या टीवी जैसी स्क्रीन डिवाइसेस का इस्तेमाल करने से आंखों पर बहुत दबाव पड़ता है। और यह हमारी आंखों के लिए भी काफी नुकसानदायक है, इसलिए, प्रदूषण वाले दिनों में मोबाइल/लैपटॉप का उपयोग कम से कम करें। टीवी देखने का समय भी कम कर दें।
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