India News (इंडिया न्यूज़) : आजकल लोग घर से ज्यादा बाहर का खाना पसंद करते है। हर गली-हर कूचे में अलग-अलग तरह के फास्ट फूड मिल रहे हैं, जिनको न सिर्फ बच्चे और युवा, बल्कि बुजुर्ग आबादी भी धड़ल्ले से खा रही है। मोमोज़ खाने वालो की संख्या आज भारत में दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मोमोज़ भले ही बहुट टेस्टी लगते हों, लेकिन इसे खाने खाने आपकी सेहत पर कितना बुरा असर पड़ सकता है? आइयें जानते है की मोमोज खाने से आपकी सेहत पर क्या असर होता है।
1. मोमोज़ बनाने के लिए मैदे का इस्तेमाल किया जाता है। मैदा वैसे तो गेहूं का ही एक उत्पाद होता है। हालांकि इसमें से प्रोटीन और फाइबर को निकाल दिया जाता है, जिसके बाद मैदे में सिर्फ स्टार्च ही बचता है।
2. मैदे में प्रोटीन नहीं होता, इसलिए इसकी प्रकृति एसिडिक हो जाती है। मैदा शरीर में जाकर हड्डियों में मौजूद कैल्शियम को सोख लेता है।
3. बाजारों में बिकने वाले मोमोज़ को सफेद और सॉफ्ट बनाने के लिए ब्लीच, क्लोरीन गैस, ऐज़ो कर्बेमिड और बेंजोयल पराक्साइड मिलाया जाता है।
4. मोमोज़ में डाले जाने वाले ये केमिकल्स पेनक्रियाज और किडनी को डैमेज कर सकते हैं और तो और डायबिटीज का खतरा भी पैदा कर सकते हैं।
5. मोमोज के साथ खाई जाने वाली शेजवान चटनी काफी उत्तेजक होती है। इससे बवासीर, पेट एवं आंतों में ब्लीडिंग और गैस्ट्राइटिस की दिक्कत हो सकती है।
6. मोमोज बेचने वाले कुछ लोग इसमें मोनोसोडियम ग्लूटामैट (MSG) नाम का एक केमिकल मिलाते हैं, जो मोमोज़ के स्वाद को बढ़ाने का काम करता है और खुशबूदार बनाता है। मोनोसोडियम ग्लूटामैट से न सिर्फ मोटापा बढ़ सकता है, बल्कि चेस्ट पेन, ब्रेन की समस्या, हार्ट रेट और बीपी बढ़ने जैसी शिकायतें भी हो सकती हैं।
7. कुछ दुकानदार नॉनवेज मोमोज में मरे हुए जानवर का मीट मिलाते है और वेज मोमोज मे सड़ी हुई सब्जियां डालते हैं। अगर आप ऐसा मोमोज़ खाएंगे तो शरीर में कई गंभीर बीमारियों के होने की संभावना बढ़ जाएगी।
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