India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Pregnancy Tips: गर्भवती होने के बाद शुरुआती 3 महीनों तक मां को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। इस दौरान गर्भपात का खतरा बना रहता है। आइए जानते हैं गर्भधारण के बाद महिलाओं को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
गर्भावस्था एक महत्वपूर्ण समय होता है और इसमें मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा महत्वपूर्ण होती है। गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिलाओं में गर्भपात का खतरा बहुत अधिक होता है। हालांकि, कुछ बातों का ध्यान रखकर इस खतरे को कम किया जा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भपात से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि महिलाएं अपने खान-पान का ध्यान रखें। इसके लिए जरूरी है कि अपनी डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करें। फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम और अन्य जरूरी पोषक तत्वों का पर्याप्त सेवन बच्चे के विकास में मदद करता है। इसके अलावा भी कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। गर्भवती होने के बाद करीब 3 महीने तक महिलाओं को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। माना जाता है कि पपीता, नॉनवेज जैसी गर्म चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
गर्भपात क्या है? डॉक्टरों का कहना है कि चार महीने तक की प्रेग्नेंसी में गर्भपात का खतरा रहता है। अगर इस दौरान पीरियड्स जैसी ब्लीडिंग होने लगे तो यह गर्भपात का संकेत है। 80 फीसदी गर्भपात 0 से 13 हफ्ते के बीच होते हैं। कुछ मामलों में यह जेनेटिक कारणों से भी होता है। किसी संक्रमण और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में गड़बड़ी की वजह से भी गर्भपात होता है। ऐसे में कुछ चीजों से परहेज करना भी जरूरी है। इसके लिए जंक फूड से दूर रहें, ज्यादा मीठा न खाएं और फलों में पपीता और अनानास का सेवन न करें।
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गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान, शराब पीने और कैफीन के अत्यधिक सेवन से बचें, क्योंकि इनसे गर्भपात का खतरा काफी बढ़ सकता है। अगर आपको डायबिटीज, हाई बीपी और थायरॉयड जैसी कई पुरानी बीमारियां हैं तो उन्हें कंट्रोल में रखें। नियमित जांच और डॉक्टर द्वारा बताए गए उपचार का पालन करें। इससे गर्भपात को रोका जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान नियमित, मध्यम व्यायाम लाभदायक है, लेकिन व्यायाम हल्का रखें। रोजाना टहलना फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, महिलाओं को किसी विशेषज्ञ की सलाह पर ही शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए।
तनाव का उच्च स्तर गर्भावस्था पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। योग, ध्यान या गहरी साँस लेने के व्यायाम जैसे तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास करें। परिवार, दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताए। अगर आपको गर्भावस्था के दौरान पेट में तेज दर्द या कोई अन्य गंभीर समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। इस मामले में लापरवाही न करें।
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