Shopping Therapy: आज कल की लाइफ लोगों के लिए काफी बिजी हो गई है। हर कोई काम के प्रेशर और प्रॉब्लम्स के बीच इसे जीने की कोशिश कर रहा है। बेहतर लाइफस्टाइल की चाह में इंसान खुद के लिए सोचना भूल गया है। वह स्ट्रेस या टेंशन का शिकार होने लगे हैं। ऐसे में इससे छुटकारा पाने के लिए वह अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। कोई म्यूजिक थेरेपी का सहारा लेता है तो कोई ट्रैवलिंग पर जाना पसंद करता है लेकिन इस लेख के माध्यम से आज हम आपको एक ऐसी थेरेपी के बारें में बताने जा रहे हैं जो शायद ही आपने सुनी होगी।
क्या है रिटेल थेरेपी?
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्ट्रेस या टेंशन से छुटकारा पाने के लिए एक थेरेपी होती है जिसका नाम है रिटेल थेरेपी (Retail therapy). दरअसल, रिटेल थेरेपी को एक तरह से ‘कम्फर्ट बाइस’ के तौर पर माना जाता है। यह न सिर्फ आपके मूड को बेहतर बनाता है बल्कि फिर से एनर्जेटिक कर देता है।
रिटेल थेरेपी के फायदे-
कंट्रोल पाने का होता विश्वास
रिटेल थेरेपी यानी कि शॉपिंग के बाद इंसान के अंदर चीजों पर कंट्रोल पाने का भरोसा आ जाता है। चाहे वह कैसी भी परिस्थिति हो में क्यों न हो। वह पॉजिटिव सोचने लगता है और समस्याओं से बाहर आ जाता है।
पॉजिटिव इंपैक्ट दिखता है
वहीं अट्रैक्टिव चीजों को खरीदने के बाद या उनका इस्तेमाल करते वक्त इंसान भी पॉजिटिव और अट्रैक्टिव महसूस करने लगता है। इससे शॉपिंग का पॉजिटिव इपैक्ट तुरंत ही दिखने लगता है।
आसानी से पूरी हो जाती प्लानिंग
इंसान शॉपिंग के समय अलग-अलग वक्त के हिसाब से चीजें खरीदता है। इससे किसी तय योजना का काम भी पूरा हो जाता है और अगर योजना बजट के अंदर पूरी हो जाए तो खुशी दोगुनी हो जाती है।
खुशी को मिलता बढ़ावा
शॉपिंग के बाद आपके शरीर और दिमाग के कुछ हिस्से ट्रिगर हो जाते हैं जिससे डोपामाइन रिलीज हो जाता है। इसे खुशी को बढ़ाने वाला एलिमेंट माना जाता है साथ ही मूड काफी अच्छा हो जाता है और मन खुश रहता है।